रायपुर. दंतेवाड़ा जिले में राजस्व भूमि के अदला-बदली के मामले में की गई जल्दबाजी पर तत्कालीन कलेक्टर आईएएस ओपी चौधरी और तहसील की भूमिका की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव सीके खेतान को जांच प्राधिकारी नियुक्त किया है. छत्तीसगढ़ शासन की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग की सचिव रीता शांडिल्य की ओर से गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया गया है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 15 सितंबर 2016 को चमरु राम कर्मा व अन्य की ओर से दायर पीआईएल पर दंतेवाड़ा जिला में राजस्व भूमि की अदला-बदली के संबंध में बरती गई जल्दबाजी पर दंतेवाड़ा कलेक्टर और तहसीलदार की निष्ठा को संदिग्ध पाते हुए उनके विरुद्ध जांच कराने के आदेश छत्तीसगढ़ शासन को दिए थे. इस आदेश के बाद सरकार ने 21 जुलाई 2017 को प्रमुख लोकायुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) टीपी शर्मा को जांच प्राधिकारी नियुक्त किया गया था.

जांच प्राधिकारी को मामले की जांच कर 20 मार्च 2018 तक सरकार को प्रतिवेदन प्रस्तुत करना था, लेकिन मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश पारित करने के बाद जांच रुक गई थी. अब इस मामले में 25 अप्रैल 2019 को उच्चतम न्यायालय की ओर से जारी आदेश के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रकरण की समग्र जांच के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) टीपी शर्मा के स्थान पर अपर मुख्य सचिव सीके खेतान को जांच प्राधिकारी नियुक्त किया है, जिन्हें तीन महीने में जांच पूर्ण कर शासन को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होगा.

जांच के बिंदु –

1. किन-किन परिस्थितियों में तत्कालीन कलेक्टर एवं तहसीलदार, दंतेवाड़ा ने राजस्व प्रकरण में जल्दबाजी से कार्यवाही करते हुए आदेश 25.04.2013 को पारित किया गया है?

2. क्या उपरोक्त अधिकारियों द्वारा ऐसी कार्यवाही किसी निहित उद्देश्य से की गई?

3. उपरोक्त के अलावा माननीय न्यायालय द्वारा पारित उक्त आदेश की विभिन्न कालकाओं में की गई टिप्पणियों पर भी जांच की जाए.