पुरुषोत्तम पात्र. गरियाबंद. देवभोग के कुम्हडई खुर्द और कुम्हडई कलां के 28 किसान परिवारों ने 11 साल बाद भी तेल नदी पर पुल के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे की दूसरी क़िस्त नहीं मिलने से नाराज आज एक बार फिर चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. फिलहाल किसान मुआवजा राशि नहीं मिलने तक चक्काजाम की बात कह रहे है और अधिकारी किसानों को मनाने में जुटे है.
पीड़ित किसानों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण के 11 साल बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिला. किसानों के मुताबिक पहली किस्त मिल चुकी है, मगर 63 लाख से अधिक की दूसरी क़िस्त जिला प्रशासन के खजाने में जमा हो जाने के बाद नहीं मिल पा रही है. किसानों ने जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगतने का आरोप लगया है.
वहीं देवभोग एसडीएम टीआर देवांगन की माने तो किसानों के मुआवजे की दूसरी क़िस्त जारी हो चुकी है मगर शासन के नियम कायदे आड़े आने के कारण किसानों को राशि वितरण नहीं की जा सकी है. उन्होंने उच्चाधिकारियों से मिले दिशा-निर्देश का हवाला देते हुए बताया कि किसानों को अब मुआवजा राशि के बदले पुनर्वास नीति के तहत अनुदान राशि दी जाएगी.
किसान अनुदान राशि लेने के लिए तैयार नहीं है
किसानों का कहना है कि वे शासन से अपना हक मांग रहे है ना की भीख. किसानों के अनुसार अनुदान राशि उनके लिए मुआवजा राशि की अपेक्षा ऊंट के मुंह में जीरा के समान होगी. भाजपा भी अब इस मामले में किसानों के साथ खड़ी नजर आ रही है. पूर्व संसदीय सचिव एवं भाजपा नेता गोवर्धन मांझी ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए जारी 63 लाख की राशि किसानों को वितरण करने की मांग की है. यही नहीं जल्द ही किसानों को राशि नहीं मिलने की स्थिति में उन्होंने किसानों के साथ धरने पर बैठने की चेतावनी भी दी है. फिलहाल किसानों का चक्काजाम जारी है.