रायपुर। कोरोना की जांच देरी से कराने से अधिकांश मामलों में मौत हो रही है. इसीलिए चिकित्सक सर्दी, खांसी, बुखार, थकान आदि लक्षण दिखने पर तत्काल जांच की सलाह देते हैं. स्टेट डेथ आडिट कमेटी ने मौत के कारणों की समीक्षा की है. विशेषज्ञ बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि हल्के लक्षण दिखने पर तुरंत कोरोना जांच करानी चाहिए, तभी रिकवरी की संभावना अधिक रहती है.

डेथ आडिट के रिव्यू में ये बात सामने आई कि महासमुंद जिले के 51 वर्ष के पुरूष को 15 अक्टूबर से कफ और बुखार था. 19 अक्टूबर को प्राइवेट चिकित्सक को दिखा कर दवाईयां ली. 23 अक्टूबर को सांस में तकलीफ होने पर रायपुर के निजी अस्पताल में 25 अक्टूबर को जांच कराई. 27 अक्टूबर को कोरोना पाजिटिव आया, लेकिन मरीज की स्थिति ठीक लगने पर उसी दिन परिजनों ने होम आइसोलेशन में रखने की बात कहकर अपने घर ले गए.

30 अक्टूबर को फिर मरीज की तबीयत ठीक नहीं लगी, तो महासमुंद अस्पताल में भर्ती हुए और स्थिति खराब होने पर 2 नवंबर को रायपुर एम्स रिफर किया गया. 9 नवंबर को कार्डियक अटैक से मरीज की मौत हो गई. इस केस में मरीज ने अस्पताल पहुंचने और जांच कराने में ही 10 दिनों की देरी की. जिस कारण उनकी तबीयत संभल नहीं पाई.