रायपुर। धर्म संसद में कालीचरण महाराज के वक्तव्य के बाद से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. कालीचरण महाराज के बाद धर्म संसद के आयोजक संस्था नीलकंठ सेवा संस्था समिति भी चर्चा में है, जिसके कर्ता-धर्ता नीलकंठ त्रिपाठी ने भी कालीचरण महाराज के बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया है.
लल्लूराम डॉट कॉम ने नीलकंठ सेवा संस्था समिति के कर्ता-धर्ता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से जुड़े नीलकंठ त्रिपाठी से आयोजन को लेकर चर्चा की. उन्होंने बताया कि आयोजन समिति के मुख्य संरक्षकों में महंत रामसुंदर दास, प्रमोद दुबे, विकास उपाध्याय, सत्यनारायण शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल, सच्चिदानंद उपासने थे.
इसे भी पढ़ें : Punjab Assembly Election 2022: कांग्रेस CM चन्नी के नेतृत्व में लड़ेगी चुनाव, राहुल गांधी की मोगा रैली से होगी शुरुआत…
आयोजन से पहले कालीचरण महाराज की पृष्ठभूमि की पड़ताल को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि शिव तांडव, महिसासुर मर्दिनी को लेकर चर्चित रहे महाराज के सनातन धर्म को लेकर दिए वक्तव्यों की वजह से धर्म संसद में आमंत्रित किया गया था.
इसे भी पढ़ें : कालीचरण की ‘काली’ जुबान से कांग्रेस ‘लाल’: CM बघेल ने बाबा और उनके आकाओं को दी चेतावनी, कहा- संविधान ऐसे लोगों को नहीं बख्शेगा…
उन्होंने धर्म संसद में कालीचरण महाराज के बयान से समिति को अलग करते हुए कहा कि आयोजन में शामिल होने से पहले ही संतों को सनातन धर्म के अलावा अन्य विषयों पर चर्चा नहीं करने की बात कह दी गई थी.