
सुरेश पर्तागिरी. बीजापुर. छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने की दिशा में पुलिस को आज एक और बड़ी सफलता मिली है. कोर नक्सल क्षेत्र बीजापुर में 22 नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया है. सरेंडर करने वाले नक्सली में तेलंगाना स्टेट कमेटी और आंध्र-ओडिशा बॉर्डर के सदस्य हैं. इनमें से 6 लोगों पर कुल 11 लाख रुपये का ईनाम घोषित था. सभी 22 नक्सली फायरिंग, आईडी ब्लास्ट और आगजनी जैसे अन्य अपराधों में शामिल रहे हैं.

बता दें, प्रदेशभर में नक्सलियों के खात्मे के लिए सुरक्षा बलों द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. बीजापुर जिले में वर्ष 2025 में अब तक कुल 107 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 143 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा, 82 माओवादियों को सुरक्षाबलों ने अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया है.

पुलिस लगातार उनके हथियार, कैश और दैनिक जीवन से संबंधित सामाग्रियों को खोजकर जब्त कर रही है. साथ ही सप्लायरों को भी दबोचा गया है. इससे माओवादी संगठन में काफी दबाव बना है. वहीं सरकार ने नक्सलियों को समाज में वापिस लौटने और एक सामान्य जीवन जीने के लिए भी रास्ता दिया है. सरकार की नियद नेल्लानार और पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. इसी प्रकार आज इन 22 नक्सलियों ने भी सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ने और प्रदेश के विकास में सहियोग देने के लिए सरेंडर कर दिया है.
सभी नक्सलियों ने बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूलेण्डन यार्क, डीएसपी शरद जायसवाल और उप पुलिस अधीक्षक विनीत साहू सहित अन्य अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को 25-25 हजार रुपये की नगद राशि प्रदान की गई है.
नक्सलियों के सरेंडर को लेकर पुलिस ने कहा कि “यह आत्मसमर्पण सरकारी पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास को दर्शाता है. यह सफलता सुरक्षा बलों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है.”
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