संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी। मुंगेली जिले के ग्रामीण इलाकों को शहरों से जोड़ने के लिए पक्की सड़क का निर्माण कराया जा रहा है, जिसके लिए लोक निर्माण विभाग ने टेंडर प्रक्रिया के तहत करोड़ों रुपये की स्वीकृति दी है, ताकि लोगों को पक्की सड़क मिल सके, सुविधाएं मिल सके, लेकिन करप्शन की बारिश से सरकारी पैसे को पानी में बहा दिया गया. पहले मरम्मत के नाम पर 32 लाख रुपये और अब 4 महीने के अंदर फिर 28 करोड़ की स्वीकृति मिल गई है. हैरानी की बात ये है कि न सड़क बनी और न सुविधाएं मिली.

विभाग से टेंडर के माध्यम से जिस ठेकेदार को पक्की सड़क निर्माण की जिम्मेदारी मिली है, वो सड़क निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं, जिससे इन सड़कों का हाल बदहाल है, जिसका खामियाजा अब आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

दरअसल, मामला खाम्ही से खुड़िया तक करोड़ों रुपए की लागत से जारी निर्माणाधीन सड़क का है. जिस कार्य में विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते ठेकेदार मनमानी करते हुए नजर आ रहे हैं. आरोप है कि पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत जारी तमाम निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. जहां आलम यह है कि खुड़िया रोड को कुछ समय पहले ही लाखों रुपए खर्च करके विभाग के चहेते ठेकेदार के द्वारा मिलीभगत कर मरम्मत कराया गया था.

उसी रोड को कुछ महीने बाद दोबारा टेंडर प्रक्रिया के तहत बनाया जा रहा है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है. किस तरह विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में लीपापोती कर ठेकेदार शासकीय राशि को डकार रहे हैं. जानकारी के अनुसार जिस रोड का इस वर्ष मरम्मत कराया गया है. उसी रोड को कुछ महीने बाद उखाड़कर दोबारा बनाया जा रहा है. ऐसे में पहले उक्त सड़क को मरम्मत के नाम पर भ्रष्टाचार कर राशि डकारने की बू आ रही है.

ग्रामीणों ने बताया कि खाम्ही से खुड़िया तक निर्माणाधीन सड़क में ठेकेदार द्वारा अखरार के बाद रास्ते में घटिया मिट्टी तो डाला गया है, लेकिन गिट्टी और अन्य मटेरियल नहीं डाला है, जिसके चलते उस मार्ग में हल्की बारिश के बाद ग्रामीणों को पैदल चलना दूभर हो जाता है.

साथ ही कीचड़युक्त सड़क में चलते को ग्रामीण मजबूर हैं. ऐसे में छोटे छोटे स्कूली बच्चे, शिक्षकों के अलावा राहगीरों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही स्कूल जाने वाले शिक्षक अपनी चप्पल हाँथ में रखकर चलने को मजबूर हैं.

भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा PWD

जिस रास्ते के मरम्मत में लाखों रुपए कुछ माह पहले खर्च किया गया. अब उसी रास्ते को करोड़ों रुपए स्वीकृत राशि की लागत से बनाने का काम पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा किया जा रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब रास्ते को टेंडर के आधार पर बनवाना ही था तो मरम्मत कार्य के नाम पर लाखों रुपए निकाल कर क्यों डकार लिया गया.

मामले में पूर्व विधायक तोखन साहू ने आरोप लगाते हुए कहा कि लोरमी विधानसभा में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. जिस रोड को कुछ दिनों पहले मरम्मत कराया गया है, उसी सड़क को दोबारा पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारियों के संरक्षण में ठेकेदार द्वारा बनाया जा रहा है. ठेकेदार लूटने का काम कर रहे हैं. खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है. इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए साथ ही दोषी ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करते हुए शासकीय राशि का बंदरबांट करने वाले जवाबदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना चाहिए.

वहीं सड़क निर्माण को लेकर पीडब्ल्यूडी लोरमी के एसडीओ एस. के. करवार ने बताया कि खाम्ही से खुड़िया तक सड़क का सीजीआरडीसी में एक अप्रैल 2021 में 28 करोड़ की लागत से 13 किलोमीटर तक सड़क बनाने की स्वीकृति मिली है. जिस सड़क को कवर्धा के ठेकेदार कन्हैया अग्रवाल द्वारा बनाया जा रहा है. उक्त सड़क पर बस्ती भाग में सीसी रोड बनना है. सांथ ही पिछले वर्ष 2020-21 में बिलासपुर के महामाया कंट्रक्शन द्वारा मरम्मत कार्य कराया गया है जिनको 32 लाख रुपए भुगतान किया गया है.

उन्होंने बताया कि क्षेत्र अंतर्गत बिलासपुर नेचरसिटी के महामाया कंट्रक्शन को सात किलोमीटर तक अलग अलग सड़क को मरम्मत करना था, लेकिन फुलवारी, बोधापारा, बोड़तरा, जोतपुर से बरमपुर और कारीडोंगरी से खुड़िया सड़क में साढ़े चार किलोमीटर मिलाकर कुल 6 किमी. तक कार्य किया है. जबकि उन्हें सात किलोमीटर तक मरम्मत करने का वर्क आर्डर जारी था. जिसके चलते उनके आर्डर को निरस्त करते हुए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है.

बता दें कि देवेंद्र क्षत्रीय बिलासपुर महामाया कंट्रक्शन नेचरसिटी का मालिक है. सड़क मार्ग में डामरीकरण का काम में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. वहीं नियम के मुताबिक ठेकेदार द्वारा उक्त सड़क का पांच साल तक परफॉमेंस गारंटी (पीजी) के तहत नवीनीकरण कराना होता है, लेकिन ऐसा नही किया गया. शासकीय राशि का जमकर बंदरबाट किया गया. डामर मरम्मत कुछ महीने पहले किया गया था, उसको उखाड़कर नए स्वीकृति पर अब काम किया जा रहा है.

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