रायपुर। छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण ने नियमों के मुताबिक एग्रीमेंट के अनुसार समय सीमा पर सुविधा मुहैया नहीं कराने वाले प्रमोटर पर जुर्माना लगाया है. समय सीमा के भीतर एग्रीमेंट के नियमों का पालन न करने और आवेदक पक्ष को सुविधा मुहैया नहीं कराए जाने पर विलंबित अवधि की ब्याज राशि 3 लाख 91 हजार 809 रूपए का जुर्माना लगाया गया. इसके साथ ही प्रमोटर को दो महीने में संबंधित आवेदक को भुगतान करने का आदेश दिया गया था.

रजिस्ट्रार छ.ग. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदक रवि कुमार देशमुख पिता- कौशल प्रसाद देशमुख और रमेश कुमार देशमुख पिता शत्रुघन देशमुख ने प्राधिकरण में पंजीकृत शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया कि उनका एग्रीमेंट प्रमोटर मेसर्स लैंडमार्क एसोसिएट्स के पार्टनर सुभाष कुशवाहा स्मृति नगर भिलाई के साथ हुआ था. दोनों पक्षों के बीच जिन बिन्दुओं पर सहमति के साथ एग्रीमेंट किया गया था, समय सीमा बीत जाने के बाद भी प्रमोटर मेसर्स लैंडमार्क एसोसिएट्स ने प्रोजेक्ट से संबंधित सुविधाएं आवेदक को नहीं दी. आवेदक ने एग्रीमेंट के नियमों का बार-बार पालन कराए जाने के निवेदन के बाद भी प्रमोटर लगातार टाल-मटोल करता रहा.

प्राधिकरण में सुनवाई और दोनों पक्षों के प्रस्तुत साक्ष्य का विश्लेषण और संबंधित प्रोजेक्ट के कमिश्नर के अलग से जांच करने पर यह पाया गया कि प्रमोटर के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच हुए एग्रीमेंट का पालन प्रमोटर ने नहीं किया था. प्रकरण में प्रमोटर मेसर्स लैण्डमार्क एसोसिएट्स को दोषी पाया गया था.

प्राधिकरण के आदेश अनुसार प्रमोटर द्वारा आवेदक पक्ष को पूरी राशि न देकर केवल 2 लाख रूपये दिया गया था, जबकि 1 लाख 91 हजार 809 रूपये की राशि का भुगतान नहीं किया गया था. आवेदक ने प्रमोटर से बची हुई राशि की प्राप्ति के लिए न्यायालय दीपा कटारे, न्याय निर्णायक अधिकारी के समक्ष मामला प्रस्तुत किया, जिसमें निर्णय लेते हुए प्रमोटर के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया और 29 मई तक निष्पादन शुल्क सहित रूपये 1 लाख 93 हजार 569 रूपए की वसूल कर आवेदक को प्रदान की गई.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें