पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. महंगी सरकारी शराब के विकल्प में ओड़िसा से सस्ती पाउच लाकर खपाने वालो पर आबकारी विभाग ने कार्रवाई की है. सरकारी शराब की बिक्री घटी तो अभियान चलाकर विभाग ने ओड़िसा सीमा से लगे गांव से 335 पैकेट ओडिशा का पाउच, 20 लीटर कच्ची शराब और 785 लीटर ताड़ी जप्त किया गया.

ओडिशासीमा से लगे देवभोग व अमलिपदर थाना क्षेत्र मे आबकारी विभाग की जम्बो टीम का गठन कर लगातार छापेमारी की गई. आबकारी उपनिरक्षक डीआर सोनी व विजेंद्र कुमार की दो अलग-अलग दल ने ग्रामीण इलाके में केम्प कर पिछले दो दिनों तक लगातार कार्रवाई की. डीआर सोनी ने बताया कि इस अभियान में दीवानमुड़ा निवासी सोमनाथ, चैती बाई, नागेश,130 पैकेट ओड़िसा का मछली छाप पाउच, घुमरगुडा निवासी चन्द्रसिंह से 120 पाउच व बरही नाला में अज्ञात आरोपी द्वारा छुपाए गए 85 पाउच ओड़िसा का कच्ची शराब जप्त किया गया. वहीं भेजीपदर में छापेमारी कर देवीराम से 20 लीटर महुआ शराब जप्त किया. सभी आरोपी के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से इन्हें 13 दिसम्बर तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है.

ताड़ी भी आबकारी के रेडार में शराब के विकल्प में इस्तेमाल किए जाने वाले ताड़ी (खजुर पेड़ का रस) भी इस बार आबकारी के रेडार में आया. बरही, कूम्हडी खुर्द, मूचबहाल, देवभोग में 4 लोगो के पास 785 लीटर का बम्फर स्टॉक देख आबकारी भी अवाक रह गया. बस्तर में खजूर पेड़ बहुतायत मात्रा में है ,इसलिए ताड़ी को बस्तर बियर के नाम से चाव से पीते है, लेकिन इस इलाके में खजूर व ताड़ के पेड़ों की संख्या उतनी नही है जितनी बताई जाती है. विभाग को आशंका है कि नशीली गोलियां मिलाकर इसे शौकीनों को परोसा जा रहा है. विभाग ने 4 लोगो को आबकारी एक्ट 34(1) डी के तहत गिरफ्तार कर देवभोग न्यायालय में पेश किया है. इन्हें जमानत पर छोड़ा गया है. विभाग ने सख्त चेतावनी देकर इस बार छोड़ दिया है. अगली बार बेचते पाए गए तो सेम्पल की जांच करवा कर बड़ी कार्रवाई करने की बात विभाग कह रहा हैं.

यह कार्रवाई में मुख्य आरक्षक पुखराज सांडील्य, अनिल कुमार सिंह आरक्षक चंदेलाल गायकवाड, पितांबर चौधरी, सैनिक मिथिलेश सिन्हा, पद्मन साहू, टिकेश्वर साहू, महिला सैनिक रामेश्वरी साहू, कामिनी सोनी, हेमबाई साहू, वाहन चालक कुलेश्वर निषाद और गोलु सिन्हा का योगदान सराहनीय रहा.

सरकारी शराब की बिक्री में गिरावट से एक्शन में आई विभाग

सरकारी शराब दुकानों में पिछले 6 माह में लगातार शराब की बिक्री में गिरावट आई. 20 फीसदी गिरावट 55 फिसदी तक पहुंचा तो आबकारी विभाग भी हरकत में आ गया. इससे पहले भी कार्यवाही होती थी, लेकिन केम्प लगाकर बड़े पैमाने पर कार्रवाई पहली बार है. दरअसल सरकारी शराब महंगा होने से ग्रामीण कच्ची शराब व ताड़ी को नशे का विकल्प बनाया है. सरकारी देशी का पव्वा 80 रुपए में मिलता है, जबकि कच्च्ची ओडिशा शराब के 250 एमएल का पैकेट 30 रुपए, इतनी ही कीमत पर महुए व ताड़ी भी मिल जाता है.