शिवम मिश्रा. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के कई गांवों में अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से महिला उद्यमी बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति ने सेनेटरी पैड के प्रति ग्रामीण महिलाओं को जागरूक किया है.
अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से करीब 100 पैड बैंक खोले गए है. जिससे 100 गांवों की महिलाओं और युवतियों को रियायती दरों पर ये पैड उपलब्ध हो रहे है.
समिति की इस पहल का नतीजा हुआ कि सरगुजा के गांव-गांव में अब महिलाएं सेनेटरी पैड के फायदे जानती और समझती है. सेनेटरी पैड का स्थानीय स्तर पर निर्माण और वितरण इकाई इन क्षेत्रों की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है.
जाने क्यों जरूरी है सेनेटरी पैड
मासिक धर्म के दौरान अगर सही से रखरखाव और साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए तो कई तरह की गंभीर समस्याएं जन्म ले सकती हैं. इस समस्या से निपटने के लिए सबसे सही उपाय यह होता है कि पैड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए और इसका इस्तेमाल किया जाए.
भारत में खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और किशोर बालिकाओं के बीच मासिक धर्म को लेकर कई सारी भ्रांतियां और समस्याएं देखने को मिलती हैं. दुनिया के दूसरे सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत में मासिक धर्म से लगभग 35 करोड़ महिलांए प्रभावित है.
इनमें से लगभग 23 प्रतिशत किशोर बालिकाएं इस वजह से स्कूल तक छोड़ देती हैं. ये प्राकृतिक प्रक्रिया अपने साथ महिलाओं के लिए कई सारी समस्याएं भी लेकर आती है.
लेकिन छत्तीसगढ़ की कुछ महिलाओं ने इस दिशा में अनोखा प्रयास शुरु किया है. सरगुजा जिले के ग्राम परसा में अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से महिला उद्यमी बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति की महिलांए मुस्कान सेनेटरी पैड का निर्माण कर रही है और इसके उपयोग के लिए अस-पास के गांव में जाकर नुक्कड़ नाटक के जरिए जागरुकता अभियान चला रही है.
अदाणी फाउंडेशन की ये पहल काफी कारगर साबित हो रही है. इससे एक ओर जहां ग्रामीण जागरुक हो रहें है. तो वहीं दूसरी ओर महिलाओं को स्वरोजगार भी उपल्ब्ध हो रहा है.
अदाणी फाउंडेशन के मुताबिक 5 हजार से अधिक महिलाओं और युवतियों को इस पैड बैंक से वर्तमान में लाभ मिल रहा है.
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