सुप्रिया पांडे,रायपुर। निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस का विरोध दूसरे भी जारी है. राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल की वजह से छत्तीसगढ़ में आज भी बैंक बंद हैं. बैंककर्मियों की हड़ताल के कारण आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बैंक हड़ताल के चलते बैंकिंग संबंधित सभी कार्य ठप रहे. किसी तरह का ट्रांजेक्शन नहीं हुआ.

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हड़ताल से एटीएम खाली, जनता परेशान

छत्तीसगढ़ में करीब 2 हजार बैंक के शाखा बंद हो गए हैं. जिस कारण 5 हजार करोड़ का लेन देन प्रभावित हुआ है. एटीएम और मोबाइल एप्स के भरोसे किसी तरह लोगों ने अपना काम चलाया. लेकिन बैंक कर्मियों की हड़ताल की वजह से स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक समेत कई बैंकों के एटीएम भी खाली हो गए. एटीएम खाली होने के कारण बहुत से क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को पैसे के लिए भटकना पड़ा. वही निजी बैंकों में सामान्य दिनों की तरह कामकाज जारी है.

नहीं होना चाहिए निजीकरण

हड़ताल को लेकर बैंक कर्मी रणधीर कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकारी बैंक का निजीकरण नहीं करना चाहिए. सरकारी बैंकों में आम आदमी का पैसा लगा हुआ है. सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ हमने जनता को पहुंचाया है. इसलिए निजीकरण नहीं होना चाहिए. जिसका विरोध किया जा रहा है.

उद्योगपतियों को होगा फायदा

बैंक कर्मचारी संघ के सदस्य समीर चोपड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय कृत बैंकों के द्वारा गरीबों को लोन भी दिया जाता रहा है. प्राइवेट बैंक वाले कभी जीरो बैलेंस पर खाता नहीं खोलते है. सरकारी बैंक सरकार के निर्देशों का पालन करते हैं. बैंकों के निजीकरण होने से गरीबों के पैसे भी उद्योगपतियों के हाथ में चले जाएंगे, जो हम बिल्कुल भी नहीं चाहते.

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क्यों हो रहा हड़ताल ?

9 बैंक यूनियनों के समूह यूनाइटेड फ़ोरम ऑफ़ बैंक यूनियन ने सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ 15 और 16 मार्च को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल की घोषणा की थी. जिस कारण सरकारी बैंकों की ब्रांच में पैसे जमा करने, निकालने और चेक क्लियरेंस जैसे काम पर असर पड़ रहा है.