अभिषेक सेमर,तखतपुर। न्यायधानी बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी जू में नर हिप्पोपोटेमस यानी दरियाई घोड़ा की अचानक मौत हो गई.

 डीएफओ बिलासपुर निशांत कुमार के मुताबिक दरियाई घोड़ा जिसका नाम गजनी था और वो करीब 13 साल का था. उसकी मौत आज करीब 3:30 बजे हुई है. गजनी को दिल्ली जू से साल 2010 में एक हाईना और एक जोड़ी लोमड़ी के बदले में कानन पेंडारी लाया गया था. दरअसल हर दिन नए मामलों में बिलासपुर के चिन्हारी कानन पेंडारी का लापरवाही सुर्ख़ियों के चर्चा में बना हुआ है. इसके बाद भी कानन पेंडारी और वन विभाग के अधिकारियों के कान में जू तक नहीं रेंग रही है. लापरवाही बरतने की परम्परा लगातार जारी है.

गौरतलब है कि यहां पूर्व में सिर्फ एक नर हिप्पोपोटेमस गजनी ही था. 9 मार्च 2013 को कानन प्रशासन ने एक हाईना एवं एक जोड़ी लोमड़ी के बदले दिल्ली जॅू से सजनी मादा को कानन लाया था. जिसके बाद सजनी ने क्रमशः 7 जुलाई 2013 और 1 अगस्त 2018 को रजनी, छोटू को जन्म दिया. इसके बाद कानन प्रशासन ने बाईसन पेयर के बदले हैदराबाद में रजनी नाम के हिप्पोपोटेमस को दे दिया.

गजनी की मौत की सूचना मिलने के बाद संयुक्त संचालक पशु चिकित्स को बुलाया गया. जिससे उसके शव का परीक्षण किया जा सका. शव का परीक्षण तीन सदस्यीय टीम के साथ डॉ. अनूप चटर्जी, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ और डॉ. पूनम पटेल, पशु चिकित्सक ने किया.  गजनी की विसरा और आर्गन उच्च परीक्षण के लिए नानाजी देशमुख वेटनरी साईंस यूनिर्वसीटी जबलपुर भेजा जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- इंजीनियर ने पानी में नशीला पदार्थ पिलाकर महिला से किया दुष्कर्म, ऐसे बनाई थी योजना 

इसके साथ ही कानन पेंडारी में पदस्थ डॉ. अजीत पाण्डेय पशु चिकित्सक, डॉ. स्मिता प्रसाद के संयुक्त टीम ने मुख्य वन संरक्षक, बिलासपुर वृत्त बिलासपुर, वनमंडलाधिकारी वनमडंल बिलासपुर, अधीक्षक कानन पेण्डारी जू, परिक्षेत्राधिकारी कानन पेण्डारी की उपस्थिति में शव विच्छेदन कर परीक्षण कराया गया.

ये खबरें भी जरूर पढ़ेः