बिलासपुर। न्यायधानी बिलासपुर के वन परिक्षेत्र के बफर जोन के जंगल में वन भैंसा का शव मिला है. वन भैंसा के शरीर पर किसी भी तरह का कटने या जलने के निशान नहीं पाया गया. भैंसा के आमाशय में पर्याप्त मात्रा इन्जेस्टेड फूड पाया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत अधिक उम्र से वजह से होना पाया गया है. वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में भैंसे का अंतिम संस्कार किया गया.
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जानकारी के मुताबिक कोटा बफर के अधिकारी को 21 मार्च की शाम वनरक्षक ने वन भैंसा के मृत पाए जाने की सूचना दी थी. सूचना के आधार पर परिक्षेत्र अधिकारी कोटा बफर जोन कर्मचारी निरीक्षण करने घटना स्थल पर पहुंचे. जांच के दौरान उन्हें किसी प्रकार का शिकार से संबंधित औजार, तार, हाईटेंशन बिजली लाइन नहीं मिला. अधिकारी के प्रांरभिक जांच में संदेहास्पद स्थिति भी नहीं देखी गई.
वन भैंसा का हुआ पोस्टमार्टम
सोमवार को लोरमी पशु चिकित्सक डाॅ. प्रमोद नामदेव, कानन पेण्डारी जू पशु चिकित्सक डाॅ. स्मिता प्रसाद और अचानकमार टाईगर रिजर्व पशु चिकित्सक डाॅ. पूनम पटेल की तीन सदस्यीय टीम ने वन भैंसे का पोस्ट मार्टम किया. हार्ट, लीवर और लंगस के विसरा जांच के लिए नाना देशमुख वेटनरी र्साइंस यूनिवर्सिटी भेजा गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी ?
वन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में वन भैंसे का अंतिम संस्कार किया गया. अचानकमार टाईगर रिजर्व लोरमी उप निदेशक ने बताया कि अचानकमार टाईगर रिजर्व के वन क्षेत्रों के अंदर आज की स्थिति में 375 वाटर बाॅडी है और 280 छोटे-बड़े नाले हैं. जिसमें प्राकृतिक रूप से पानी
पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है भोजन-पानी
वन अधिकारियों के प्रारंभिक जांच से यह प्रतीत होता है कि अचानकमार टाईगर रिजर्व में पर्याप्त मात्रा में भोजन और पानी उपलब्ध है. वन भैंसा की मौत जिस स्थान पर हुई, वहां से लगभग 50 मीटर की दूरी पर तालाब है. जिसमें अभी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है.
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