रायपुर। बिलासपुर संभाग के तखतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम राजा कापा निवासी एक किसान की आत्महत्या कर ली है. इसे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने प्रदेश सरकार की कलंक-गाथा का एक और अध्याय बताया है. उन्होंने कहा कि बघेल असम में पाँच गारंटी की सियासी लफ़्फ़ाजी करने के बजाय प्रदेश के किसानों को दी गई गारंटी की फ़िक्र करते, तो किसान यूं आत्महत्या के लिए विवश नहीं होते.
साय ने कहा कि एक तरफ़ प्रदेश सरकार अपनी झूठी वाहवाही कराने में करोड़ों रुपए ख़र्च कर कलंक से दागदार अपनी सियासी छवि चमकाने में लगी है. दूसरी तरफ़ ज़मीनी सच यह है कि इस प्रदेश सरकार के समूचे सिस्टम से लोग, विशेषकर किसान इतने आजिज़ आ गए हैं कि वे आत्महत्या के लिए विवश हो रहे हैं. इसी सरकारी सिस्टम ने धान बेचने पहुँचे एक किसान को धान ख़रीदी केंद्र में ही आत्महत्या के लिए विवश किया था. बावज़ूद इसके प्रदेश की यह कांग्रेस सरकार झूठ परोसकर प्रदेशवासियों को भ्रमित करने से बाज नहीं आ रही है.
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भ्रष्टाचार का शिकार हुआ किसान
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा कि तखतपुर के राजा कापा निवासी छोटूराम कैवर्त्य की आत्महत्या प्रदेश सरकार के सिस्टम की वह काली सच्चाई है. जिसमें पटवारी के भ्रष्टाचरण ने प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश के सियासी जुमलों के गुब्बारे की हवा निकाल दी है. रिश्वत लेकर भी किसान छोटूराम की ज़मीन की पर्ची बनाने में पटवारी की आनाकानी ने एक और किसान को मौत के मुँह में धकेलकर साबित किया है कि प्रदेश सरकार किसानों के प्रति घोर संवेदनहीन है.
असम में 5 गारंटी की सियासी लफ़्फ़ाजी
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम में पाँच गारंटी देने की सियासी लफ़्फ़ाजी करने में जितना वक़्त जाया कर रहे हैं, उतनी फ़िक्र अगर वे प्रदेश के किसानों को गंगाजल की कसमें खाकर दी गई गारंटी की करते, तो प्रदेश के किसानों को यूं आत्महत्या के लिए विवश नहीं होना पड़ता. कांग्रेस की यह प्रदेश सरकार अपने झूठ, छलावों, धोखाधड़ी और वादाख़िलाफ़ी के चलते छत्तीसगढ़ के लिए एक असहनीय बोझ बन गई है. हर मोर्चे पर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मों से छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने काम किया है. अब इस सरकार को सत्ता में बने रहने कोई अधिकार नहीं रह गया है.
लोकपाल लागू करने पर नहीं की कोई पहल
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में लोकपाल लागू करने की बात कही थी, मगर इस दिशा में भी प्रदेश सरकार ने कोई पहल शुरू नहीं की है. एक तरफ़ सरकार अपने शासनकाल में किसानों की खुशहाली की बड़ी-बड़ी डींगें हाँकती नहीं थक रही है. वहीं दूसरी तरफ़ किसानों की आत्महत्या के मामले इस सरकार को बेनक़ाब कर रहे हैं. कांग्रेस के शासनकाल में प्रदेशभर में किसानों द्वारा की गई आत्महत्या के मामलों के लिए प्रदेश सरकार की बदनीयती, कुनीतियाँ और नेतृत्वहीनता ही ज़िम्मेदार है. इन आत्महत्याओं की बड़ी क़ीमत कांग्रेस को चुकानी पड़ेगी.
जांच, आर्थिक सहायता और नौकरी की मांग
साय ने तखतपुर थाना क्षेत्र में किसान छोटूराम की आत्महत्या पर कैवर्त्य-परिवार के प्रति अपनी गहन संवेदना व्यक्त की है. इस मामले में प्रदेश सरकार से मामले की उच्चस्तरीय जाँच कराने की मांग की है. ताकि प्रदेशभर में चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई हो सके और दोषियों को दंडित किया जा सके. साय ने मांग की कि प्रदेश सरकार मृतक किसान के पीड़ित परिजनों को तत्काल 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता मुहैया कराए. उसके परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दें.
National Secretary of Congress Praises Chhattisgarh CM Amidst Assam Campaigning