रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) ने पेगासस स्पाईवेयर जासूसी मामले में कांग्रेस के राजभवन मार्च को सियासी ड्रामा कहा है. चंद्राकर का कहना है कि कांग्रेस के नेता अपने राजनीतिक नाकारापन को ढंकने की नाकाम कोशिश करके एक बार फिर झूठ का रायता फैला रहे हैं.
Ajay Chandrakar ने कहा कि पहले की ही तरह कांग्रेस जासूसी मामले को लेकर अपने फैलाए जा रहे झूठ के रायते पर फिसलकर औंधे मुंह गिर रही है, लेकिन तथ्य और सत्य से आंखें मूंदे कांग्रेस के लोग फिर भी झूठ की राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं. जासूसी मामले में प्रदेश कांग्रेस का राजभवन मार्च कांग्रेस की इन्हीं हास्यास्पद कोशिशों के सिलसिले की ही एक और कड़ी है.
चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर लगाया गया आरोप तथ्यहीन है, क्योंकि पेगासस मामले में भूपेश सरकार ने जो जांच कमेटी बनाई थी, उसकी तमाम क़वायद के बावज़ूद पेगासस सॉफ़्टवेयर को पूर्ववर्ती सरकार द्वारा ख़रीदे जाने या इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि नहीं हुई है और इस संबंध में कोई तथ्यात्मक जानकारी भी कमेटी नहीं जुटा पाई है.
मान. @MohanMarkamPCC जी (अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ ब्रांच प्राइवेट लिमिटेड कांग्रेस) उर्फ आदरणीय गुरु जी- “पैर पजामे के भीतर ही अच्छे लगते हैं”@INCChhattisgarh @BJP4CGState @newpowergame @lalluram_news @ZeeMPCG @inhnewsindia
— Ajay Chandrakar (@Chandrakar_Ajay) July 22, 2021
कांग्रेसियों को बताया रमन फोबिया से ग्रस्ति
अजय चंद्राकर ने कांग्रेसियों को रमन फोबिया से ग्रस्ति बताया. चंद्राकर का कहना है ‘रमन-फ़ोबिया’ से ग्रस्त कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री बघेल अब चरित्रहनन की घिनौनी राजनीति पर उतर आए हैं. चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस द्वारा इज़राइली कंपनी के पेगासस बेचने के लिए छत्तीसगढ़ आने की बात उनकी राजनीतिक समझ के स्तर का संकेत देने के लिए पर्याप्त है.
फोन टैपिंग का लंबा इतिहास रहा है कांग्रेस का
चंद्राकर ने कहा कि फोन टैपिंग का कांग्रेस का लंबा दागदार इतिहास रहा है. उसके ‘हाथ’ ऐसे अनेक पापों से रंगे हुए हैं. यूपीए शासनकाल में आलम यह था कि हर महीने 9000 से अधिक फोन टैप किए गए और तब के पीएम मनमोहन सिंह ने सारा ठीकरा एक प्राइवेट एजेंसी पर फोड़ दिया था. यानी उन्होंने इस जासूसी की बात स्वीकार की थी. इसी तरह 2010 में भी पीएम मनमोहन सिंह ने माना कि टॉप कार्पोरेट शख्सियतों के फोन टैप किए गए हैं.
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