रवि गोयल,जांजगीर। छत्तीसगढ़ में नामी कंपनी सोनालिका ट्रैक्टर के अधिकृत डीलर प्रीतम ट्रैक्टर के खिलाफ कई किसानों ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. किसानों ने डीलर के खिलाफ अधिकारियों से शिकायत भी की है. एजेंसी के मालिक वर्तमान में बीजेपी पार्टी के प्रदेश स्तर पर किसान नेता भी है. किसानों का कहना है कि एजेंसी मालिक ने ट्रैक्टर में मिलने वाली (सब्सिडी) अनुदान राशि को खुद हजम कर लिया है. पूछने पर अनुदान राशि नहीं आने का हवाला देकर वापस भेज दिया जाता है.

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जब कुछ किसानों ने अनुदान राशि के बारे में पता किया, तो अनुदान राशि दो साल पहने ही डीलर के खाते में आ जाने की जानकारी मिली. लेकिन डीलर किसानों को चक्कर लगवाता रहा. किसानों ने बताया कि जब वे अनुदान राशि की ऑनलाइन जानकारी निकालकर प्रीतम ट्रैक्टर पहुंचे, तब उन्हें अनुदान राशि की कुछ रकम दी गई. मगर आधे से ज्यादा रकम डीलर ने हजम कर लिया और बाकी की रकम नहीं दे रहा है.

ट्रैक्टर डीलर की इनसे हुई शिकायत

नाराज कई किसानों ने इसकी शिकायत कोरबा कलेक्टर कार्यालय, कृषि उपसंचालक, बीज निगम कार्यालय समेत मुख्यमंत्री तक से की है. किसानों का कहना है कि प्रीतम ट्रैक्टर से कई किसान परेशान है. कई किसानों को तो पता ही नहीं है कि उनके नाम से सब्सिडी यानी ट्रैक्टर की अनुदान राशि डीलर को मिली है, जिसको वो हजम कर चुका है.

ट्रैक्टर खरीदने वाले किसानों को ऐसे देता है धोखा

जब हमने मामले को बारीकी से समझा, तो पता चला कि ट्रैक्टर की अनुदान राशि संबंधित डीलर के पास आता है. लेकिन डीलर इसे किसानों से छिपाता है. प्रीतम ट्रैक्टर में भी यही खेल चल रहा है. जब किसान ट्रैक्टर खरीदने जाता है, तो उससे सब्सिडी का भी फॉर्म भरवा लिया जाता था. इसकी जानकारी उसको नहीं दी जाती थी. जिसके बाद मिलने वाली पूरी सबसिडी की राशि एजेंसी मालिक खुद डकार जाता था. कई किसान सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं, उन्हें सब्सिडी की कुछ राशि भुगतान किया जा रहा है. उसमें भी साल भर चक्कर कटवाकर किस्तों में राशि दी जा रही है.

ये है ट्रैक्टर अनुदान राशि के नियम

विभाग के अधिकारियों से जब हमने बात किया, तो पता चला कि ट्रैक्टर की अनुदान राशि अब सीधे संबंधित डीलर के पास जाता है. किसान जब ट्रैक्टर खरीदने डीलर के पास जाता है, तब डीलर को सब्सिडी की राशि काट कर शेष राशि का फाइनेंस करवाना चाहिए. मगर डीलर सब्सिडी की राशि काटे बगैर पूरी राशि का फाइनेंस करवा रहे है, जो नियम विरुद्ध है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी ?

इस मामले में छग राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम कोरबा के जिला प्रबंधक हेमंत नेरकर ने बताया कि प्रीतम ट्रैक्टर के खिलाफ कई किसानों ने लिखित शिकायत की है कि उन्हें अनुदान राशि नहीं मिली है. जिसे कार्रवाई और मार्गदर्शन के लिए उच्च कार्यालय रायपुर भेज दिया गया है.

उच्च स्तरीय जांच आवश्यकता

इस मामले में हमने सोनालिका ट्रैक्टर के अधिकृत डीलर प्रीतम ट्रैक्टर के बारे में भी पता लगाया. जानकारी मिली कि करीब 10 वर्षों से इस एजेंसी के मालिक बीजेपी के प्रदेश स्तरीय किसान नेता है. उसके द्वारा अपनी पहुंच का फायदा उठाते हुए सैकड़ों ट्रैक्टर में करोड़ों रूपए की अनुदान की राशि प्राप्त किया गया है. ये राशि कितने किसानों को मिली ये तो सिर्फ वो किसान और ट्रैक्टर एजेंसी मालिक को ही पता है. अगर शासन को वास्तव में किसानों को लाभ पहुंचाना तो इस प्रकार के भ्रष्टाचार पर उच्च स्तरीय जांच टीम बनाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए किसानों को विश्वास में लेना होगा.

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