रायपुर. ट्रांसपोर्टर और सीमेंट कंपनी के बीच मालभाड़े को लेकर विवाद चल रहा है. ट्रांसपोर्टरों की मांग है कि बढ़ते डीजलों के दामों को देखते हुए उनके मालभाड़े में भी वृद्धि की जाएं. लेकिन सीमेंट कंपनियां इससे इनकार कर रही है. यही कारण है कि ट्रांसपोर्टरों ने सीमेंट की लोडिंग-अनलोडिंग बंद कर दी है.
यही कारण है कि अब धीरे-धीरे सीमेंट की मार्केट में शार्टेज होने की संभावनाएं बढ़ गई है. इसका फायदा बिचौलिएं उठा रहे है. वो बिचौलिएं जिनके पास सीमेंट मौजूद है उन्होंने दाम बढ़ा दिए है और इसका नुकसान उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है.
इस उद्योग से जुड़े लोग बताते है कि 8 मार्च से सीमेंट कंपनी से सीमेंट की बोरियां डिस्पैच नहीं हुई है. कंपनी और ट्रांसपोर्टरों के बीच इस विवाद का हल निकालने मीटिंग भी हुई, लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला.
इन कंपनियों से ट्रांसपोर्टर नहीं कर रहे हैं लोडिंग-अनलोडिंग
- अंबुजा सीमेंट भाटापारा बलौदाबाजार
- नोवोको लफार्ज सीमेंट बलौदाबाजार
- इमामी सीमेंट बलौदाबाजार
- श्री सीमेंट बलौदाबाजार
- ग्रासिम सीमेंट रावन बलौदाबाजार
- अल्ट्राटेक सीमेंट हिरमी बलौदाबाजार
- सेंचुरी सीमेंट तिल्दा नेवरा बलौदाबाजार
- जेके लक्ष्मी सीमेंट अहिवारा दुर्ग
- ऐसीसी सीमेंट जामुल दुर्ग
जाने इस मामले में क्या कहा धरमलाल कौशिक ने
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस मामले में कहा है कि प्रदेश में सीमेंट के बढ़ती कीमत और कालाबाजारी के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार की हठधर्मिता जिम्मेदार है. पूरे प्रदेश में सीमेंट की आपूर्ति नहीं होने से सीमेंट अत्यधिक दाम पर बिक रही है और कालाबाजारी के कारण आम उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है.
उन्होंने कहा है कि सीमेंट निर्माताओं और परिवहनकर्ताओं के बीच चल रहे विवाद के बीच जो परिस्थतियां बनी हैं, उसके समाधान के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है. कौशिक ने चेताया कि समय रहते पहल नहीं की गई तो पूरे प्रदेश में सीमेंट आपूर्ति को लेकर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, जिसके लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार ज़िम्मेदार होगी.