सत्यपाल सिंह,रायपुर। राजधानी रायपुर के आमानाका स्थित सुयश नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन ने पहले छात्रों को लॉकडाउन के दौरान की लंबी चौड़ी फीस की लिस्ट थमा दी. जब इसकी शिकायत डीएमई से की गई, तो प्रबंधन ने छात्राओं को हॉस्टल में ही बंदी बना लिया और बाहर से गेट में ताला जड़ दिया. जब दबाव ज्यादा बढ़ा, तब जाकर 4-5 घंटे बाद ताला खोला गया. पूरा मामला फीस वसूली से जुड़ा हुआ है. बड़ा सवाल ये है कि जब डीएमई से शिकायत की गई है, तो कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है.
छात्र एम के मरावी ने बताया कि मंगलवार को मनमानी फीस वसूली की शिकायत मेडिकल शिक्षा संचालक (डीएमई) से की गई थी. इसलिए आज जितने हॉस्टल में रहने वाले लड़कियां है, उन सभी को हॉस्टल गेट में ताला लगाकर कैद कर दिया गया था. कई घंटों तक विद्यार्थी चिलाते चिखते रहे, लेकिन गेट नहीं खोला गया. जब दबाव ज्यादा बढ़ा, तब जाकर 5 घंटे बाद ताला खोला गया.
उन्होंने आगे कहा कि कार्रवाई नहीं होने और तालाबंदी करने को लेकर आज डीएमई कार्यालय का घेराव किया गया. डीएमई ने दो लोगों को भेजकर जांच कराने का आश्वासन दिया है. लेकिन हमें भरोसा नहीं हो रहा, क्योंकि आज दो दिन हो गया है. मनमाने फीस ले रहे है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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गौरतलब है कि न्याय की मांग लेकर पहुंचे सुयेश नर्सिग कॉलेज के छात्रों ने मेडिकल चिकित्सा शिक्षा के दरवाजा सोमवार को खटखटा था. सुयश नर्सिंग कॉलेज ने फस्ट ईयर से लेकर फोर्थ ईयर तक के लिए शासन ने 51 हजार रुपए फीस निर्धारित किया था. जिसके बाद कॉलेज ने नोटिफिकेशन जारी किया था कि 51 हजार फीस जमा करें. लेकिन अब कोरोना कॉल का हॉस्टल फीस, मेस फीस, वाहन फीस, लायब्रेरी फीस जोड़कर 1 लाख 18 हजार तक मांगा जा रहा है. कुछ विद्यार्थियों ने दबाव में आकर फीस जमा भी कर दिया है.