प्रतीक चौहान. रायपुर. प्रदेश समेत पूरे देश में कोरोना महामारी फैली हुई है. वहीं दूसरी तरफ गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी भी डॉक्टरों के लिए काफी चैलेंजिंग हो गई है. ऐसे में एक रोचक मामला सामने आया है. जिसमें कोरोना मरीज को पंडित जी की बताई मुहूर्त में ही डिलीवरी करवानी थी.

ये पूरा मामला मोवा स्थित श्री बालाजी सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल का है. यहां की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अफसान कुरैशी ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि अस्पताल में अब तक 6 कोरोना मरीजों की डिलीवरी की गई है.

इसमें एक रोचक किस्सा भी सामने आया. गर्भवती महिला की इच्छा थी कि वे पंडित जी के बताएं मुहूर्त के हिसाब से ही बच्चे की डिलीवरी कराएं. चूंकि उसकी डिलवरी ऑपरेशन से ही होनी थी इसलिए डॉक्टरों ने उक्त कोरोना मरीज की इच्छा और पंडित जी के बताएं मुहूर्त पर मरीज की डिलीवरी करवाई. डॉ कुरैशी कहती है कि मरीज को उनके पंडित जी ने रात 7:45 बजे का मुहूर्त दिया हुआ था. इसके हिसाब से अस्पताल की टीम ने मरीज के ऑपरेशन की व्यवस्था की और उक्त महिला मरीज की सफल डिलीवरी करवाई.

अस्पताल के डायरेक्टर डॉ देवेंद्र नायक ने बताया कि अस्पताल में एक विशेष पहल की जा रही है. जिसके तहत अस्पताल में जन्म लेने वाली बेटी के परिवार से कोई भी पैसा नहीं लिया जाता है, चाहें वो डिलीवरी सिजेरियन ही क्यों न हो.

अस्पताल के जीएम डॉ बिरेंद्र पटेल ने बताया कि अब तक 52 बेटियों का जन्म अस्पताल में उक्त स्कीम के तहत हुआ है, जिसमें परिवार से कोई भी शुल्क अस्पताल प्रबंधन द्वारा नहीं लिया गया है.

कोरोनाकाल में मैं छुआ-छूत नहीं मानती

डॉ अफसान कुरैशी कहती है कि अस्पताल में कोरोना मरीजों की डिलीवरी हम पूरी सतर्कता के साथ करते है. ऐसा नहीं है कि मरीज कोरोना पॉजिटिव हो तो उसके साथ भेदभाव किया जाएं. वे कहती है कि मैं खूद पिछले वर्ष सितंबर माह में कोरोना पॉजिटिव हो चूंकि हूं. इसलिए अस्पताल में मरीजों के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव न करने के निर्देश मैने अपनी टीम को दिए है. डॉ कुरैशी बताती है कि इसके अलावा 2 क्रिटिकल कोरोना पेशेंट की भी सफल डिलीवरी अस्पताल में की गई है. जिसमें एक मरीज को ब्रेन हेमरेज तक हुआ, लेकिन अब वे पूरी तरह स्वस्थ्य है.