प्रतीक चौहान. रायपुर. दिल्ली कॉमनवेल्थ की तर्ज पर रायपुर स्मार्ट सिटी में घोटाले का मामला सामने आया है. घोटाला इसलिए क्योंकि अधिकारियों टेंडर नियमों के मुताबिक एल 1 कंपनी को काम न देकर अपनी चहेती फर्म को काम दिया, ब्लकि 8 टीवी के किराये के लिए 6 लाख रुपए से अधिक खर्च किए गए, जबकि इससे आधी कीमत पर नई टीवी खरीदी जा सकती है.
पूरा मामला इंडोर स्टेडियम में बनाए गए अस्थायी कोविड अस्पताल का है. जिसका काम रायपुर स्मार्ट सिटी द्वारा किया गया. लेकिन यहां आपदा में अवसर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने खोज निकाला. अब इस पूरे मामले की शिकायत राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशीष देव सोनी ने ईओडब्ल्यू से 22 मार्च 2021 को की है.
आरटीआई से मिले दस्तावेजों के आधार पर इस शिकायत में दावा किया गया है कि मेसर्स आदर्श किराया भंडार और व्यापक इंटरप्राइजेस समेत 4 फर्म ने इसमें हिस्सा लिया.
जिसमें आदर्श किराया भंडार एल-1 थी. लेकिन स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने काम व्यापक इंटरप्राइजेस को दिया. ये टेंडर पहली लहर का है, हालांकि दूसरी लहर के दौरान भी अस्थायी कोविड अस्पताल का काम व्यापक इंटरप्राइजेस को ही दिया गया था. उक्त भुगतान 94 दिनों के लिए का किया गया है. इस फर्म को अस्थायी कोविड अस्पताल में इलेक्ट्रानि सामान, बैरिकेडिंग और अन्य इलेक्ट्रानिक सामान के लिए करीब डेढ़ करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है.
21 लाख रुपए के सीसीटीवी कैमरे
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशीष देव सोनी द्वारा की गई शिकायत में दावा किया गया है कि 21 लाख रुपए से अधिक सीसीटीवी के किराये का भुगतान किया गया है. वहीं इंटरकॉम के लिए 18 लाख रुपए. अब न जाने यहां कौन सा विशेष सीसीटीवी कैमरा और इंटरकॉम कनेक्शन लगाया गया था, जिसके लिए इतनी भारीभरकम रकम का भुगतान किया गया.
1 एसी का किराया 1 लाख 41 हजार रुपए
जितने पैसे में 3 नए एसी आ जाते उतने पैसे स्मार्ट सिटी के स्मार्ट अधिकारियों ने 94 दिन के 1 किराये के एसी का भुगतान किया है. अस्थायी कोविड अस्पताल में 1 एसी का किराया 1 लाख 41 हजार रुपए अदा किया गया है. यदि नए एसी की अधिक्तम कीमत 40 हजार रुपए भी मान ली जाए तो 3 एसी खरीदने के बाद भी करीब 20 हजार रुपए की बचत हो सकती थी.
स्मार्ट सिटी के पास इस संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है न ईओडब्ल्यू से कोई जानकारी मांगी गई है. इसलिए मैं इस संबंध में बिना दस्तावेज देखें कुछ भी नहीं कह पाउंगा.
आशीष मिश्रा, जनसंपर्क अधिकारी, स्मार्ट सिटी