अरविन्द मिश्रा,बलौदाबाजार। जिले के अधिकांश किसानों के खाते में धान बोनस यानि अंतर की राशि नहीं आने से वे परेशान है. ये वे किसान है, जिन्होंने दूधाधारी मठ ट्रस्ट या फिर स्कूल और काॅलेज की खेत रेगहा में लेकर धान बुवाई कर सोसायटी में बेचे थे. इनका भुगतान उन्हें मिल चुका है पर अंतर की राशि नहीं मिली है, जिसको लेकर वे आज कलेक्टर केएल चौहान से मिले और अंतर की राशि दिलाने निवेदन किया. इस पर कलेक्टर ने शासन के नियमों का हवाला देकर कहा कि शासन से यदि आदेश जारी होता है तो निश्चित ही आपके खाते में पैसा आ जाएगा. Read More – एक्सक्लूसिव : धान के बोरे में मिट्टी और भूसी!, राजधानी से सटे मंडी में जानिए कैसे खेला जा रहा बड़ा खेल…

कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने किसान नरेन्द्र वर्मा, विजय कोशले, मन्नू यादव, छेदन बंजारे, रूपेश घृतलहरे, धनबाद, महाराज, रेशम साहू और रूपसिंह सभी ग्राम ओड़ान निवासी और कसडोल विकासखंड से भी किसान आये थे.

किसानों का कहना है कि जब धान बेचे तो उसकी रकम किसानों के खाते में आ गया है पर अब जब अंतर की राशि के भुगतान की बारी आई तो नियमों का हवाला दिया जा रहा है. जबकि पूर्व सरकार में हमें बोनस की राशि का भी भुगतान हुआ था, फिर यह तो धान बिक्री की रकम है, यह उनका हक है और मिलना चाहिए.

कलेक्टर केएल चौहान ने बताया कि यह फैसला शासन स्तर का है. रेगहा या किराये की खेती का भुगतान नहीं होता है. किसानों ने आज भुगतान करने आवेदन किया है, जिसको राज्य शासन को भेजा जाएगा और उसके बाद जैसा निर्देश प्राप्त होता है आगे काम किया जाएगा.

बता दें कि इस तरह दूधाधारी मठ के अन्तर्गत सैकड़ों किसान है. इसके अलावा विभिन्न स्कूल भी है, जिनकी जमीन भी किसान किराये पर लेते हैं और धान बोते हैं और धान की कीमत भी उन्हीं के खाते में आती है, पर इस बार नहीं आने से किसान परेशान है. देखना अब यह होगा कि किसानों को कब तक अंतर की राशि का भुगतान हो पाता है और सरकार क्या निर्णय लेती है.