कोरबा। कुसमुंडा क्षेत्र के भू-विस्थापित किसान नियमित रोजगार की मांग पर एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय में 1 जनवरी को प्रदर्शन करेंगे. यह जानकारी भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर कौशिक और छत्तीसगढ़ किसान सभा के सचिव प्रशांत झा ने दी.
दामोदर कौशिक और प्रशांत झा ने बताया कि क्षेत्र में वर्ष 1978-2004 के मध्य भूमि का अधिग्रहण किया गया है, इसलिए तब की पुनर्वास नीति के तहत रोजगार देने की उनकी मांग जायज है, जबकि प्रबंधन वर्ष 2012 की पुनर्वास नीति के तहत उन्हें रोजगार देने की पेशकश कर रहा है. इस नीति के तहत बहुत ही कम भू-विस्थापितों को रोजगार मिलेगा.
उनका कहना है कि यदि एसईसीएल ने उन्हें समय पर रोजगार नहीं दिया है, तो इसके लिए प्रबंधन जिम्मेदार है, न कि भूविस्थापित किसान. इसलिए पुरानी नीति से मुआवजा और नई नीति से रोजगार की एसईसीएल की पेशकश आंदोलनकारियों को स्वीकार नहीं है.
बता दें कि भूविस्थापितों को नियमित रोजगार देने की मांग पर पर पिछले दो माह से धरना दिया जा रहा है. इस बीच दो बार खदान बंदी भी की गई और आंदोलनकारी गिरफ्तार भी किये गए हैं. एसईसीएल प्रबंधन ने एक माह में उन्हें रोजगार देने का लिखित वादा किया था, जिसे पूरा नहीं किया गया. रोजगार के बदले भू-विस्थापितों को ठेकेदारी देने के प्रबंधन के प्रस्ताव को उन्होंने पूरी तरह ठुकरा दिया है.