रायपुर. कांकेर और महासमुंद में भी 30 अप्रैल से कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की सुविधा प्रारंभ हो जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव 30 अप्रैल को सवेरे 11 बजे इन दोनों जिला मुख्यालयों में वायरोलॉजी लैब का ऑनलाइन शुभारंभ करेंगे.
दो नए आरटीपीसीआर लैब के शुरू हो जाने से प्रदेश में रोजाना आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ने के साथ ही लोगों को रिपोर्ट भी जल्दी मिलने लगेगी.
कांकेर और महासमुंद जिले के सैंपलों के साथ दोनों लैबों में जांच की शुरूआत की जाएगी. लैब की क्षमता बढ़ने के साथ आसपास के जिलों के सैंपलों की भी जांच की जा सकेगी. इन दोनों लैबों का संचालन वहां शुरू हो रहे नए शासकीय मेडिकल कॉलेजों के डीन के अधीन किया जाएगा. दोनों लैबों में सेवाएं देने वाले लैब प्रभारी, माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट, सीनियर सांइटिस्ट, जूनियर साइंटिस्ट, लैब तकनीशियन एवं लैब सहायकों को संबंधित मेडिकल कॉलेज के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा चुका है.
आईसीएमआर के मानकों के अनुरूप कांकेर और महासमुंद में उच्चस्तरीय वायरोलॉजी लैब की स्थापना की गई है. वायरोलॉजी लैब एक विशिष्ट प्रक्रिया से संचालित होता है.
इसमें संभावित मरीजों के सैम्पल के लाइसिस के बाद आरएनए को बाहर निकाला जाता है. फिर इस आरएनए से आरटीपीसीआर प्रक्रिया के माध्यम से वायरस की पहचान की जाती है. इस पूरी प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट, सीनियर सांइटिस्ट, जूनियर साइंटिस्ट, लैब टेक्निशियन और लैब अटेंडेंट की जरूरत होती है. इस तरह के लैब एक मानक मापदण्डों के अनुरूप संचालित किए जाते हैं.
प्रदेश में आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरबा, कोरिया, जशपुर, जांजगीर, दुर्ग, दंतेवाड़ा और बलौदाबाजार में भी वायरोलॉजी लैब की स्थापना का काम प्रारंभ किया जा चुका है. वर्तमान में एम्स रायपुर सहित प्रदेश के छह शासकीय मेडिकल कॉलेजों रायपुर, जगदलपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़ और अंबिकापुर में कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए आरटीपीसीआर जांच की जा रही है.
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