रायपुर. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता एवं आयोग की सदस्यगण डॉ अनीता रावटे और अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर आधारित कार्यशाला शास्त्री चौक स्थित आयोग कार्यालय में सम्पन्न हुआ. इस कार्यशाला में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल भी शामिल हुए.

कार्यशाला में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने कहा कि, ह्यूमन ट्रैफिकिंग कहने को तो गैर कानूनी है, फिर भी यह हमारे समाज की गंभीर समस्या बनी हुई है. शारीरिक शोषण से देह व्यापार और बंधुआ मजदूरी तक के लिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग की जाती है. उन्होंने कहा कि, मानव व्यापार की समस्या से निपटने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरुक करना होगा. हम सभी को मानव व्यापार के खतरों और उसके दुष्प्रभाव के बारे में गांव एवं शहर के लोगों को जागरुक करना होगा.

डॉ. नायक ने बताया कि, ह्यूमन ट्रैफिकिंग के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ प्रत्येक जिले में जा रही है. कार्यशाला में मानव तस्करी रोकथाम, अन्य हितधारकों तथा पीड़ितों के पुनर्वास के विषय पर विस्तृत परिचर्चा की गई.

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक रायपुर ने जिले के परिदृश्य से अवगत कराया कि, जिले में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है. जहां से परंपरागत रूप से मजदूरी एवं अन्य कार्य के लिए लोग बाहर जाते हैं. राजधानी में उद्योग क्षेत्र के मजदूर कार्य के तलाश में रायपुर तथा रायपुर के सीमा क्षेत्र में आते हैं, परन्तु मानव तस्करी के क्षेत्र में अभी तक दिखाई नहीं पड़ता है. विगत 3 वर्ष में मात्र 7 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, सभी प्रकरण व्यक्तिगत प्रकार के हैं. फिर भी पुलिस विभाग इस विषय को लेकर गंभीर हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस विभाग सतर्कता पूर्वक कार्य कर रहे हैं.

इस कार्यशाला में उपस्थित अन्य अधिकारियों द्वारा अपने पूर्व पदस्थ क्षेत्रों के अनुभवों को साझा किया गया, जिसमें मानव तस्करी अथवा किसी प्रकार का अन्य विषयों पर रेस्क्यू के दौरान अन्तर्विभागीय में समन्वय, बजट प्रावधानों, पुनर्वास एवं उचित रूप से क्रियान्वयन के सबंध में अपने-अपने सुझाव दिए. इस कार्यशाला में पुलिस विभाग के अधिकारी सहित महिला आयोग के सचिव आनंद प्रकाश किस्पोट्टा एवं अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे.