CG News: प्रतीक चौहान. रायपुर. छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान, सिम्स बिलासपुर में महिला डाक्टर के साथ मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना को लेकर उठा विवाद अब मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुंच गया. इस मामले में पीड़ित महिला डाक्टर एवं अन्य रेसीडेंट्स द्वारा डीन से शिकायतों के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं करने से नाराज पीड़ित महिला डाक्टर ने छत्तीसगढ़ डाक्टर्स फेडरेशन से लिखित शिकायत की. इसमें मेडिसीन विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज टेम्बर्निकर पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का जिक्र किया गया है.

इधर फेडरेशन ने मामले की गंभीरता के मद्देनजर पीड़ित महिला डाक्टर के पत्र के साथ मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत कर कार्रवाई की मांग कर दी है. दरअसल, सिम्स के मेडिसिन विभाग की पीजी छात्रा ने उसी विभाग के एचओडी डॉ. पंकज पर शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना का जिक्र कर गंभीर आरोप लगाए थे. महिला डाक्टर ने अपनी शिकायतों में आपातकालीन ड्यूटी के दौरान उनका फोन तोड़ने, ड्यूटी में मौखिक दुर्व्यवहार, अनुचित स्पर्श और शत्रुतापूर्ण कार्य का वातावरण बनाने का उल्लेख किया है.

 उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों ने उनकी काम करने की क्षमता को बाधित किया बल्कि स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाया. डीन के स्तर पर कार्रवाई नहीं कर लीपापोती के बाद डाक्टर्स फेडरेशन ने सीधे मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि दोषी विभागाध्यक्ष पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. कार्रवाई के नाम पर पीजी डाक्टर्स का एग्जाम लेने से रोकते हुए लीपापोती कर दी गई है. डाक्टर्स फेडरेशन ने कार्रवाई नहीं होने पर कानूनी विकल्प खुला रखने और बड़े पैमाने पर आंदोलन के भी संकेत दे दिए हैं. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री, सचिव एवं आयुक्त से मिलकर शिकायत की तैयारी है. फेडरेशन ने विभागाध्यक्ष को हटाने की भी मांग की है.

महिला डॉक्टर द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों को डॉ. पंकज ने नकारते हुए कहा है कि उल्टें उन्होंने खुद उक्त डॉक्टर पर उन्हें जातिगत गाली-गलौच करने की शिकायत की है. डॉ पंकज का कहना है कि वो हर जांच के लिए तैयार है. डॉ पंकज का कहना है कि शिकायतकर्ता महिला डॉक्टर अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों को परेशान करती हैं और उनके खिलाफ मरीजों से अवैध वसूली की भी शिकायतें है. जिसे न करने के लिए उन्हें जब समझाइश दी गई तो उल्टे उन्होंने इसकी झूठी शिकायत कर दी.