शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार रायपुर के पंडरी में 5 एकड़ क्षेत्र में मध्यभारत का पहला जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क बनाने की तैयारी में है. इसके लिए कृषि उपज मंडी की भूमि आवंटित कर दी गई है. ऐसे में किसानों के सामने अब मुसीबत खड़ी हो गई. किसान मंडी में लाकर फसल बेचते थे, लेकिन अब वहां जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क बनाने की तैयारी है. किसानों की परेशानी के मद्देनजर पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिससे फिलहाल निर्माण कार्य में रोक लगा दी गई है. बावजूद इसके किसानों को मंडी में फसल लाकर बेचने और रखने पर पाबंदी लगाई जा रही है.

कृषि उपज मंडी की शिफ्टिंग से किसान परेशान

दरअसल, सर्व सुविधायुक्त जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क को बनाने के लिए कृषि उपज मंडी की भूमि आवंटित कर दी गई है. बताया जा रहा है कि यहां रिटेल और होलसेल की 500 से अधिक दुकानों के साथ ही कारीगर और डिजाइनिंग के लिए अलग से दुकानें बनाई जाएगी. इन सबके बीच किसानों को 17 किलोमीटर दूर जाकर फसल रखना और बेचना पड़ेगा. किसानों को परेशानी होगी. साथ ही लूटपाट समेत कई तरह के किसानों में भय कायम है.

धरसींवा के पूर्व विधायक एवं कृषि उपज मंडी के पूर्व अध्यक्ष देवजी भाई पटेल ने कहा कि जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क बनाने के लिए रायपुर कृषि उपज मंडी की लगभग 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया था. सरकार के इस पहले से व्यथित होकर उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. उच्च न्यायालय याचिका में सुनवाई कर रही है. चीफ जस्टिस ने लगातार दो बार सुनवाई की है. वर्तमान में 7 जून तक न्यायालय बंद है. खुलते ही सुनवाई होगी.

उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस ने हमें स्थगन का आदेश दिया है. अंतिम सुनवाई के अंतिम दिन तक किसी भी प्रकार की मंडी से संबंधित कार्यवाही नहीं की जाएगी. यहां देखा गया कि होली के समय से व्यापारियों पर दबाव डाला गया. यहां पर मंडी के कार्यालय को शिफ्ट कर दिया गया. यहां व्यापारियों का माल नहीं उतरने दिया गया. किसानों का माल नहीं उतरने दिया. आज किसान परेशान हैं.  रवि फसल सिर पर है.

मंडी सचिव नहीं ले रहे सुध

देवजी भाई पटेल ने कहा कि मंडी सचिव से बात करने पर उनके द्वारा कहा जाता है कि ऊपर से आदेश है. यहां डिप्टी डायरेक्टर से बात करने पर कह रहे हैं कि ऊपर से आदेश है. हम ने मना किया था, लेकिन एमडी साहब से बात किया तो एमडी साहब बोलते हैं कि शिफ्टिंग का किसी प्रकार के स्थगन नहीं है. हम शिफ्ट कर सकते हैं. चीफ जस्टिस के आदेश होने के बावजूद अधिकारी दबाव पूर्ण कार्रवाई कर रहे हैं.

कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट की तैयारी

7 जून को न्यायालय खुलने के बाद यहां के व्यापारियों और किसानों के साथ एमडी सहित सभी अधिकारियों के विरोध में कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट जाऊंगा. सारी बातों का रिकॉर्डिंग हमने करके न्यायालय में प्रस्तुत किया है. सब न्यायालय में हमने सारी प्रक्रिया को प्रस्तुत किया है. उस प्रक्रिया में किसी प्रकार का छेड़छाड़ या हस्तक्षेप मंडी बोर्ड के एमडी या अधिकारियों के द्वारा किया जाना न्यायालय की अवमानना होगी.

जानें क्या बोले व्यापारी और किसान ?

कृषि उपज मंडी के व्यापारी दिलीप राठौर ने बताया कि मंडी शिफ्ट होने में बहुत दिक्कतें होंगी. यहां से जिस जगह शिफ्टिंग कर रहे हैं वह 17 किलोमीटर दूर है. लेबर और बाकी कर्मचारी लोग यहां जाने के लिए तैयार नहीं हैं. वहां सुविधाएं भी नहीं है. देर रात किसानों को पेमेंट भी नहीं कर सकते हैं. किसानों के साथ लूट होने का डर रहेगा. यहां से जबरदस्ती गाड़ियां ले गए हैं. पकड़कर बाउंड्री टूटी है. कोई चौकीदार नहीं है, तो वहां बहुत नुकसान हो रहा है. मंडी यहां से शिफ्ट नहीं करना चाहिए, क्योंकि अभी बारिश का समय है. इस समय पूरा माल भीग जाएगा. किसानों को तकलीफ हो रही है.

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