पुरुषोत्तम पात्र. गरियाबंद. ढाई माह की मासूम रवीना का दर्द जानकर आप का भी दिल पसीज जाएगा. इस बच्ची को एक ऐसी बीमारी में घेर रखा है जिसका नाम भी कई डॉक्टरो से पूछने के बाद पता चला. डॉक्टरों के मुताबिक मासूम को कंजनाइटल एनमिलिस और हाइड्रोसीफेलस नामक दो बीमारियां हैं. बच्ची के शरीर पर जन्म से ही कई जगह जख्म की तरह काले कई निशान हैं जो बच्ची को लगातार तकलीफ दे रहे हैं.

यही वजह है कि बच्ची दिन रात रोते ही रहती है ठीक ढंग से सो भी नहीं पाती. मासूम पीठ में जख्म जैसे यह निशान अधिक हैं इसलिए सीधा लेटने में भी उसे काफी तकलीफ होती है. वहीं दूसरी बीमारी हाइड्रोसीफेलस के कारण बच्ची का सिर बड़ा होता जा रहा है. उसमें पानी भरता जा रहा है. बच्ची के बेहद गरीब माता-पिता इलाज कराने में अक्षम है और उसे कोरोना के डर से इलाज कराने कहीं लेजा भी नहीं पा रहे हैं. उन्हें डर है कि कहीं बाहरी व्यक्तियों से मिलने पर अस्पताल आदि जाने पर उन्हें भी कोरोना ना हो जाए. बच्ची के लिए इलाज का यह प्रयास और घातक साबित ना हो.

अपनी बदहाली पर आंसू बहाता गांव

गरियाबंद जिले के अंतिम छोर पर बसा झोलाराव गांव, इस गांव की बदनसीबी यह की यह वन ग्राम है. यहां तक ठीक-ठाक सड़क भी नहीं पहुंची है. किसी के बीमार पड़ने पर बुलाने पर एंबुलेंस या महतारी एक्सप्रेस भी यहां तक नहीं पहुंच पाती 3 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत मुख्यालय गौरगांव तक बीमार को कभी खाट पर तो कभी किसी और व्यवस्था से ले जाना पड़ता है.

प्रसव के समय बुलाया मगर नहीं पहुंच पाई एंबुलेंस

7 मार्च 2021 का वह दिन गांव के मरकाम परिवार पर मुसीबत की तरह साबित हुआ बच्ची की मां को प्रसव पीड़ा हुई तो मितानिन ने महतारी एक्सप्रेस को फोन किया मगर एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई किसी तरह मितानिन ने काफी मुश्किल से घर पर ही बच्ची की डिलीवरी कराई बच्ची जब पैदा हुई तो परिवार वाले और मितानिन भी देख कर हैरान थे बच्ची सामान्य नहीं थी शरीर पर कई जगह काले चट्टे नुमा दाग थे जो किसी जख्म की तरह लग रहे थे. इसके अलावा बच्ची का सिर सामान्य से कुछ ज्यादा ही बड़ा था.

मुश्किल से पता चल पाया बीमारी का नाम

जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने बच्ची तथा उसके जख्मों की फोटो ली कई चिकित्सकों के पास भेजें. मगर ज्यादातर इस बीमारी का नाम नहीं बता पाए, उसके बाद संजय नेताम ने इस समस्या को लेकर जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ नवरत्न से चर्चा की उन्हें परिवार की दयनीय आर्थिक स्थिति के बारे में बताया और परिजन इलाज करवाने में अक्षम होने की बात कही जिला चिकित्सा अधिकारी ने बच्ची को दो प्रकार की बीमारी होने की बात कही कंजनाइटल एनमिलिस, जो गंभीर चर्म रोग की श्रेणी में आता है. वहीं दूसरी बीमारी हाइड्रोसिफेलस नाम की होने की बात कही जिसमें सर बड़ा हो जाता है और उसमें पानी भरने लगता है उन्होंने हर संभव मदद दिलाने तथा उसे इलाज के लिए लाने की व्यवस्था करने की बात कही इन सबके बीच बच्ची की बीमारी गांव वालों के लिए अभी भी आश्चर्य का विषय है वही दिन भर तड़पती बच्चों को देखकर ना सिर्फ माता-पिता बल्कि उसे देखने वाले ग्रामीणों का भी दिल पसीज जाता है.

इलाज के लिए ले जाना होगा रायपुर

दरअसल मासूम कि दोनों बीमारियां गंभीर किस्म की है गरियाबंद में उनका इलाज संभव नहीं रायपुर एम्स हॉस्पिटल या मेकाहारा रायपुर ले जाना होगा अभी कोरोनावायरस के आंकड़े और कम होंगे तो इसके बाद बच्ची तथा उसके परिजनों को इलाज के लिए रायपुर भेजने की व्यवस्था करवाने की की जिम्मेदारी खुद जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने स्वीकार किया और कहा कि गरीब मजदूर की बेटी को हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास करूंगा शासन प्रशासन से जहां तक हो सके मदद करवाउंगा.