रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने शास्त्री चौक रायपुर स्थित आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित प्रकरणों पर दो दिवसीय जन-सुनवाई आयोग के अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक ने की. सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आयोग की अध्यक्ष के समझाइश पर आवेदिका पत्नि और बच्चों को अनावेदक पति अपने घर ले जाने को तैयार हुआ, इस तरह यह प्रकरण तत्काल निराकृत हो गया. वहीं लड़की की फोटो सोशल मीडिया में वायरल करने वाला आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की गई. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

एक अन्य प्रकरण की सुनवाई भी हुई. आयोग की समझाईश पर अनावेदक मानवीय आधार पर आवेदिका और उसके बच्चों के लिए 5 हजार रुपए नगद राशि आवेदिका को देने को तैयार हुआ. दोनों पक्षों के प्रकरण न्यायालय में लंबित है और उसके क्लेम राशि का निराकरण भी होना है. ऐसी दशा में उभय पक्षों के अधिवक्ता को आयोग की अगली सुनवाई में आकर निश्चित राशि तय करने कहा गया. ताकि न्यायालय के आदेश के विपरीत ना हो.

एक अन्य प्रकरण में महिला ने आरोप लगाया है कि उसकी बहन को पति ने अवैध रूप से अपने साथ रख रखा है. पीड़िता को किसी भी प्रकार से भरण-पोषण भी नहीं देता है. जिस पर आयोग ने आरोपी को समझाया तब जाकर उन्होंने कहा कि मैं अपने पत्नि को 5 हजार रुपए भरण-पोषण राशि दूंगा और पत्नी की बहन को रखने से इंकार किया है. आरोपी ने कहा कि वर्तमान में मैं आवेदिका की बहन के साथ रह रहा हूं. इस पर आयोग ने अनावेदक को आगामी सप्ताह में आवेदिका की बहन के साथ उपस्थित होने कहा गया जिससे कि इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा.

एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित महिला ने पति के नशा करने और गलत आदत व्यवहार देखकर तलाक देने का आवेदन प्रस्तुत किया है, उनका एक वर्ष का बच्चा भी है अनावेदक द्वारा उसे भरण-पोषण राशि नहीं देता है. आयोग की समझाइश पर अनावेदक ने 7 हजार रुपए प्रतिमाह महिला को देना स्वीकार किया है और वह बीच-बीच में अपने बच्चे से जाकर मिल भी सकेगा इससे आवेदिका को कोई आपत्ति नहीं है. दो माह तक इस मामले को निगरानी में रखा गया है. दो माह पश्चात् इस प्रकरण में सुनवाई कर निराकरण किया जाएगा.

एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित दोनों को सुना गया दोनों शासकीय विभाग में कार्यरत है और दोनों के बीच काम को लेकर तनाव की स्थिति होती है. दोनों को हिदायत दी गई है कि उभय पक्ष अपना लिखित में प्रतिवेदन एक काॅपी आयोग को व एक काॅपी स्वयं रखकर इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया.

एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित अनावेदक अपने साथ अपनी भाभी को लेकर उपस्थित हुआ है जो कि अनावेदक के साथ अवैध रूप में रह रही है. अनावेदक के भाभी को समझाइश दिया कि अनावेदक के घर से जाकर अपने पति के साथ रहें और अनावेदक से दूर रहें अन्यथा उसके खिलाफ आवेदिका के द्वारा पुलिस कार्यवाही कर सकेंगे. इस स्तर पर आवेदिका से पूछा गया कि बीमार दादी की सेवा के लिये दतरेंगा में जाकर कौन रहेगा जिस पर आवेदिका ने स्वीकार किया कि वह खुद दतरेंगा में जाकर रहेगी. इस स्तर पर अनावेदक पति ने स्वयं से स्वीकारोक्ति दिया कि पत्नी के भरण-पोषण के लिए 7 हजार रुपए प्रतिमाह देगा और अपने बेटी के रहन-सहन का वहन भी स्वयं करेगा और किसी भी तरह से किसी दूसरी औरत को कभी नहीं रखेगा.

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपनी देवरानी और उनकी मां के खिलाफ जो शिकायत आयोग में प्रस्तुत किया था उसके समर्थन में गवाह भी लाए थे. दो गवाहों के शपथ पत्र आवेदिका द्वारा प्रस्तुत किए तीनों गवाहों ने आवेदिका के पक्ष में समर्थन दिए हैं, अनावेदिका और उसकी मां उपस्थित थी अनावेदिका को आयोग द्वारा निर्देश दिया गया कि अगले सप्ताह अपनी पति के साथ उपस्थित होने कहा गया है.

एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका का भाई अनावेदक ने उससे दो लाख रुपए, बाईक और गहने रखे है और आज तक वापिस नहीं किया है. अनावेदक आगामी दिनांक को 5 हजर रुपए आयोग के समक्ष आवेदिका को देने का आश्वासन दिया है और नियमित रूप से जमा राशि देने का आश्वासन भी दिया है. पैसा नहीं दिए जाने की दशा में आवेदिका को पूर्ण अधिकार है कि वह अनावेदक के विरूद्ध थाने में थ्प्त् दर्ज किए जाने की अधिकारिता रखती है.

छत्तीसगढ़ी युवा महिला कलाकार के फोटो को निकलवाकर वायरल कर, महिला को बदनाम करने और उसे गांव परिवार के बीच अपमानित किया. जिसके कारण पीड़िता महिला की नौकरी भी चली. सोशल मीडिया में फोटो वायरल करने से उसकी बदनामी भी हुई. जिससे आवेदिका की नौकरी भी छूट गई. पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ लिखित शिकायत दस्तावेज के साथ प्रस्तुत किया है. जिसमें आरोपी ने आवेदिका के फोटोग्राफ को सोशल मीडिया में वायरल किया है. जिसके कारण पीड़िता के चरित्र को गांव में संदिग्ध माना जा रहा है. उसे आए दिन इन फोटो को दिखा-दिखाकर पीड़िता को बदनाम करना आरोपी ने स्वीकार किया है. आरोपी ने बताया कि उसने एक बार पीड़िता के पिता के पास यह फोटो भेजी थी. जबकि आवेदिका का कथन है कि यह कई बार ऐसा कर चुका है.

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आवेदिका ने यह भी बताया कि थाना मंदिर हसौद में आवेदन दिया था. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. न्यायालय जाने की बात कही गई. इस स्तर पर आयोग के अध्यक्ष ने थाना मंदिर हसौद के टी.आई. से टेलीफोन पर बात की. आयोग के दस्तावेज आवेदिका को देकर टी.आई. के समक्ष उपस्थित होने कहा गया. यह प्रकरण आगामी माह में थाने द्वारा आयोग को की गई कार्रवाई से अवगत करायेंगे, जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा.

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