नितिन नामदेव, रायपुर. छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में 43,301 स्कूल सफाई कर्मचारी विगत 12 वर्षों से कार्यरत हैं. जिन्हें प्रति माह 2000 से 2300 रुपए मानदेय मिलता है. कर्मचारियों की शिकायत है कि मानदेय अनियमित रूप से 4-5 महीने विलंब से दिया जा रहा है. ऐसे में मानदेय को लेकर मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं.

सरकारी स्कूल सफाई कर्मचारी के मीडिया प्रभारी प्रदीप वर्मा ने बताया कि, 12 वर्षों से पूर्णकालीन कलेक्टर दर की मांग करते आ रहे हैं, जिसको लेकर 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस घोषणा पत्र के प्रमुख के द्वारा पूर्ण कलेक्टर दर पर मानदेय भुगतान करने की बात कही थी. लेकिन 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी पूर्ण कलेक्टर दर पर मानदेय भुगतान नहीं होने के कारण 23 दिसंबर 2022 को रायपुर कलेक्टर पार्क में प्रांतीय बैठक मे निर्णय लिया गया था.

25 दिसंबर 2022 से छत्तीसगढ़ के सभी विधायकों से मुलाकात के माध्यम से पूर्णकालीन कलेक्टर दर पर मानदेय भुगतान के संबंध में सहमति मांगी जा रही है. साथ ही संघ की मांगों को लेकर सकारात्मक पहल के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कराने के लिए आग्रह निवेदन किया जा रहा है.

आगे कि रणनीति बताते हुए प्रदीप वर्मा ने बताया कि, पहला चरण संघ की मांगों के संबंध में सकारात्मक पहल नहीं होने पर 5 जनवरी को छत्तीसगढ़ के समस्त ब्लॉक मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन कर एस.डी.एम.के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा जाएगा. दूसरा चरण 10 जनवरी को छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा जाएगा .

वहीं तीसरा चरण लगभग 15 जनवरी को रायपुर में प्रदेशभर के स्कूल सफाई कर्मचारी जुटेंगे और अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करते हुए जब तक मांगे पूरी नहीं होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.