रमेश सिन्हा, महासमुंद। पिथौरा नगर में जिले के एकमात्र 50 बिस्तर वाला मातृ शिशु अस्पताल 4 साल पहले बनाया गया था, जो अब तक शुरू नहीं हो पाया है. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड योजना के तहत 10 करोड़ रुपये की लागत से शिशुओं के लिए हॉस्पिटल बनाया गया है, लेकिन लापरवाही के कारण यहां आज तक स्वास्थ्य सेवाएं शुरू नहीं हुई.

10 करोड़ में बना हॉस्पिटल

दरअसल, छत्तीसगढ़ में बीजेपी के सरकार के समय महासमुंद जिले में छोटे-छोटे बच्चों और दूरदराज के गरीब लोगों के लिए हॉस्पिटल बनाया गया था, लेकिन 4 साल बाद भी इस अस्पताल में इलाज शुरू नहीं हो पाया है, जिससे महासमुंद जिले के लोगों को लंबी दूरी तय कर राजधानी रायपुर में इलाज कराने जाना पड़ता है.

4 साल बाद भी शुरू नहीं हुई सेवाएं ?

छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार के बदल जाने के 4 साल बाद भी असस्पताल शुरू नहीं हो सका. राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही लोगों में आस देखने को मिली थी कि सरकार हॉस्पिटल शुरू कराएगी, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी सेवाएं शुरू नहीं हो पाई है. हॉस्पिटल शुरू नहीं होने के कारण मशीन और सामग्रियां जंग लगने से खराब होने लगे हैं. अस्पताल परिसर में जगह-जगह दरारें पड़ गए हैं.

 

लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने जब आला अधिकारियों से हॉस्पिटल के मसले में बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जल्द स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव 50 बिस्तरों वाले बच्चों के अस्पताल का उद्घाटन करेंगे.

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वैज्ञानिक और विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होने की चेतावनी दे रहे हैं. ऐसे वक्त में सामग्री से लैस हॉस्पिटल का बंद होना प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा करता है. अब मामला उगाकर होने के बाद देखना होगा क्या उच्चाधिकारी इसमें संज्ञान लेते हैं, जिस उदेश्य से अस्पताल का निर्माण किया गया था, वो उदेश्य संफल कब तक होगा यह देखनी वाली बात होगी.

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