रायपुर: दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग के गर्भपात मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. अंजली नर्सिंग होम को बिना मान्यता के संचालित किया जा रहा था. पुलिस विभाग ने अंजली नर्सिंग होम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. महिला डॉक्टर कविता लाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा गर्भपात मामले में जांच टीम बनाई गई है.
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स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अंजली नर्सिंग होम फर्जी तरीके से संचालित किया जा रहा था. पुलिस की कार्रवाई के बाद जिला चिकित्सा अधिकारी ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि अंजली नर्सिंग होम को मान्यता नहीं दी गई है. जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है.
अंजली नर्सिंग होम के पास संचालन के लिए मान्यता नहीं
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि पुलिस ने अंजली नर्सिंग होम गोबर नवापारा पर गर्भपात मामले में कार्रवाई की है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग को लेटर भेजकर पूछा था. अंजली नर्सिंग होम के पास संचालन के लिए मान्यता है कि नहीं है. इसका जवाब दे दिया गया है अंजली नर्सिंग होम को मान्यता नहीं दी गई है. नियम के खिलाफ संचालन हो रहा है.
तीन दिन के भीतर होगा खुलासा
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मीरा बघेल ने बताया कि जांचकर्ता जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट सौंपेंगे. गोबर नवापारा में संचालित अंजली नर्सिंग होम में 17 साल की नाबालिग लड़की का गर्भपात किया गया है. मान्यता नहीं होने और नियम विरुद्ध गर्भपात कराना अपराध है. इसलिए तीन सदस्यी जांच कमेटी का गठन किया गया है. जांच रिपोर्ट तीन दिन के भीतर जमा करना होगा.
जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद होंगे खुलासे
बता दें कि सवाल ये उठ रहा है कि नियम, कानून, विभाग और अधिकारियों के होते हुए इतना बड़ा अपराध कैसे हो गया. बिना मान्यता नर्सिंग होम कैसे संचालित हो रहा है. कहीं अधिकारियों के साथ साठ गांठ तो नहीं है. इस तरह के कई सारे सवाल निकलकर सामने आ रहे हैं. अब जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद खुलासे होंगे.
जांच कमेटी में ये लोग
- डॉक्टर प्रतीक्षा चौहान डीएचओ
- डॉक्टर अविनाश चतुर्वेदी, नोडल अधिकारी एनएचए
- डॉक्टर स्मृति देवांगन, नोडल अधिकारी पीसी पीएनडीटी
ये है मामला
मामले की जांच कर रही गरियाबंद सिटी कोतवली प्रभारी वेदवती दरियो ने बताया कि मामला 20 नवंबर 2020 का है. पीड़िता अपने परिजनों के साथ महिला डॉक्टर के अस्पताल में इलाज के लिए गई. परिजनों को पहले पेट मे ट्यूमर की जानकारी दी गई, लेकिन इलाज शुरू होने के बाद गर्भवती होना बताया. गर्भपात के लिए डॉक्टर ने 4 लाख रुपये की मांग की गई थी. इसके बागद मामले का खुलासा हुआ है.