रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने प्रदेश कांग्रेस में सत्ता-संघर्ष से उपजे विवाद के हालात को प्रदेश के राजनीतिक इतिहास का काला अध्याय बताया है. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है. कश्यप ने कहा कि कांग्रेस में मचे इस घमासान से एक ओर लोकतंत्र आहत हुआ है. वहीं दूसरी ओर प्रदेश की जनता प्रदेश सरकार की अंतर्कलह में बेवज़ह पिस रही है.
केदार कश्यप ने लगाए ये आरोप
कश्यप ने अंदेशा जताया कि अपनी सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाने, विभिन्न मोर्चों पर आदिवासियों की नाराज़गी से बचने और ढाई-ढाई साल के फ़ॉर्मूले से पीछा छुड़ाने के लिए यह साजिश रची गई है. क्योंकि विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश सरकार को अपनी विफलताओं और नाकारापन के सामने आने का भय सता रहा है.
पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि यह समूचा प्रकरण ख़ूनी सत्ता संघर्ष और सियासी साजिशों का कॉकटेल कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. इस मामले ने प्रदेश में लोकतंत्र को शर्मसार किया है. इस मामले ने वर्षों पुराने रामअवतार जग्गी हत्याकांड के समय की याद प्रदेश को दिलाई है.
कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार को इस बात को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इस घटना का पूरा सच वही है, जो कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह कह रहे हैं. यह कथित तौर पर विधायक के काफ़िले को ओवरटेक करने को लेकर हुए विवाद का साजिशाना राजनीतिक इस्तेमाल है. कश्यप ने कहा कि प्रदेश में जब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया मौज़ूद हो, तब इस विवाद को हवा देकर खूनी संघर्ष के तौर पर प्रचारित करना आश्चर्यजनक है.
विधानसभा सत्र से ऐन पहले एक विधायक पर हमला होना यक़ीनन दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है, लेकिन आनन-फानन 18-20 विधायकों का बैठक करना. इस मामले में विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा बार-बार प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव पर अपनी (स्वयं विधायक सिंह की) हत्या के प्रयास के आरोप को दुहराए जाने. इसे लेकर कांग्रेस आलाकमान तक जाने और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विधायक सिंह को कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व तक जाने के लिए परोक्ष तौर पर सहमति देने से एक और आशंका यह बलवती होती है कि कहीं यह मुख्यमंत्री बघेल द्वारा प्रायोजित अभियान तो नहीं है ?.
कश्यप ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस में ढाई-ढाई साल के फ़ार्मूले के जिन्न के जब-तब बोतल से बाहर आकर प्रदेश में नेतृत्व-परिवर्तन की चर्चाओं को हवा देने से विचलित प्रदेश सरकार और कांग्रेस का एक खेमा इस घटना की आड़ लेकर प्रतिद्वंद्वी खेमे की छवि को नेस्त-ओ-नाबूद करने में लगा है? या कांग्रेस के भीतर एक तीसरे गुट का बृहस्पत सिंह के नेतृत्व में निर्माण हो गया है?
प्रदेश की राजनीति में यह अजीब मामला है और अब ज़रूरी है कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. जांच के निष्कर्षों के आधार पर जो भी दोषी हों, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार में मची खींचतान ने प्रदेश के राजनीतिक वातावरण को ख़ूनी संघर्ष और साजिशों का पर्याय बना दिया है. प्रदेश की जनता इस ज़द्दोज़हद में अकारण पिस रही है. कोरोना काल में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस और प्रदेश सरकार की इस अंतर्कलह के दुष्परिणामों को भोगा है.
इसे भी पढ़ें: Tokyo Olympics : सानिया-अंकिता पहले दौर में बाहर, निशानेबाजी में भी निराशा…
read more- Corona Horror: US Administration rejects India’s plea to export vaccine’s raw material
इसे भी पढ़े- अपने प्रदर्शन को लेकर Manish Pandey जमकर हो रहे ट्रोल, सोशल मीडिया पर दिया जा रहा Farewell
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक