
CG News: प्रतीक चौहान. अब इसे एक टैलेंट कहे या जुगाड़ का जैक… ये तो तय आप ही किजिएगा, लेकिन शासकीय कर्मचारी ये कह रहे है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग का ये कैल्कुलेशन कैसे हुए ये हमे भी सिखना है. हुआ कुछ यूं है कि कुछ महीनों पहले रायपुर कलेक्टर के अनुमोदन के बाद राजधानी रायपुर में वर्षों से जमे पटवारियों का तबादला हुआ.


ट्रांसफर के बाद सभी पटवारी रिलीव हो गए, लेकिन तत्कालीन पटवारी हल्का नंबर 36 गोगांव के पटवारी शिव कुमार साहू रिलीव नहीं हुए. इसके बाद लल्लूराम डॉट कॉम ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो आनन-फानन में अधिकारियों ने उनको रिलीव कर दिया.
लेकिन करीब 1.30 महीने तक उन्होंने आरंग में पोस्टिंग नहीं दी. अब एक बार फिर उनका ट्रांसफर आरंग से रायपुर के उसी पटवारी हल्का में हो गया जहां वे वर्षों से पदस्थ थे, यानी सिर्फ कागजों में ही उनका ट्रांसफर यहां से वहां होता रहा वो भी बिना सर्विस ब्रेक के.
क्योंकि इस सवाल का जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है कि वे करीब 1.30 महीने तक कहां पोस्टेड थे ? उन्होंने क्या काम किया ? और कलेक्टर के आदेश के बाद भी उन्होंने आरंग में ज्वाईनिंग नहीं दी तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई.
उन्होंने आरंग में ज्वाइनिंग दी या नहीं, इस संबंध में आधिकारिक रूप से कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने आरंग में ज्वाइनिंग नहीं दी थीं.
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