शिवम मिश्रा, रायपुर। राजधानी रायपुर में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन जारी है. भगवान गणेश की मूर्तियों को गाजे-बाजे के साथ विसर्जन करने ले जाया जा रहा है, लेकिन रायपुर में प्रशासन के आदेश के बावजूद कानफाड़ू DJ और धमाल से लोगों की नींद उड़ी हुई है. इतना ही नहीं अस्पताल के बाहर भी फुल साउंड से DJ की गूंज से लोगों को डिप्रशन में डाला जा रहा है. हैरानी की बात ये है कि ये गूंज कलेक्टर साहब को सुनाई नहीं दे रही है. इससे ऐसा लग रहा है कि कलेक्टर समेत पूरा प्रशासन बहरा हो गया है.

दरअसल, रायपुर में कानफाड़ू डीजे और धमाल से लोग परेशान हैं. गणेश विसर्जन में खुलेआम जिला प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. देर रात 2 बजे तक डीजे और धमाल बजाया जा रहा है, लेकिन रायपुर कलेक्टर को शिकायत का इंतजार है. LALLURAM.COM से कलेक्टर ने कहा कि अगर शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी.

इस मामले में रायपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि गणेश विसर्जन के दौरान पुलिस अधिकारी और जवान गणेश समितियों को धमाल और डीजे समय पर बंद करने की समझाइश दे रहें है, लेकिन फिर भी देर रात तक DJ और धमाल बजाया जा रहा है. मेरी भी लोगों से अपील है कि नियमों को देखते हुए समय पर धमाल और DJ को बंद कर दिया जाए.

LALLURAM.COM ने साउंड इफेक्ट के बारे में ईएनटी डॉ राकेश गुप्ता से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि तेज आवाज का डीजे पर्यावरण प्रदूषण का हिस्सा है. इससे न केवल मनुष्य बल्कि पशु-पक्षी प्रभावित होते हैं. डीजे से लोगों में बीपी शुगर, डिप्रेशन देखने को मिलता है. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित बुजुर्ग हो सकते हैं. डीजे की वजह से उनमें किसी भी प्रकार के दूषपरिणाम सामने आ सकते हैं. यही कारण है कि आईएमए राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षित ध्वनि के लिए अभियान चला रही है.

बता दें कि बिलासपुर में 30 अगस्त की रात अलीम अंसारी के लिए काली रात साबित हुई, जब रात डेढ़ बजे अचानक डीजे की तेज आवाज ने उनके ढाई साल के इकलौते बेटे अमान को अंदर से हिला दिया. दिमाग पर पड़े असर से अमान को ब्रेन हेमरेज हो गया. शांत पड़ चुके बच्चे को परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसका एक सप्ताह तक इलाज चला, लेकिन मंगलवार देर रात अमान की सांसें हमेशा के लिए रुक गई.

दो बहनों में छोटा अमान को जन्म से ही एप्लास्टिक एनीमिया की बीमारी थी, जिसमें शरीर में खून बनने की क्षमता खत्म हो जाती है. ढाई साल के अमन का इलाज बैंगलोर में चल रहा था, जिससे वह ठीक था, लेकिन 30 अगस्त की देर रात डेढ़ बजे डीजे की तेज आवाज ने उसको पूरी तरह बेसुध कर दिया. अब ढाई साल का अमान इस दुनिया में नहीं रहा.

रायपुर शहर में 18 तारीख से गणेश विसर्जन के दौरान हाल यह देखने को मिला कि शाम 5:00 बजे से रात 2 बजे तक बढ़ई पारा, तात्यापारा, कंकाली पारा, आमापारा और लाखे नगर से लेकर महादेवघाट तक सड़क गाड़ियों से खचा-खच भरी रही. शहर के कई इलाकों की सड़कों को बंद भी कर दिया गया था, जिसके चलते कई एम्बुलेंस और अन्य परेशानियों में लोग फंसे रहे.

बता दें कि एसपी प्रशांत अग्रवाल  गणेश विसर्जन से पहले DJ धुमाल और वाद्य यंत्र बजाने की अनुमति को केर मीटिंग ली थी, लेकिन  DJ धुमाल और वाद्य यंत्र वाले तेज साउंड से बताकर लोगों को परेशान किया. हॉस्पिटल जैसे सेंसेटिव जोन में भी तेज साउंड से डीजे बजाए गए.

नॉइस पॉल्यूशन के लिए डेसिबल तय

  • हॉस्पिटल , स्कूल जैसे सेंसेटिव जोन तय है.
  • सेंसटिव जोन में 20 डेसिबल से ज्यादा नॉइस नहीं होनी चाहिए.
  • रेजिडेंशियल एरिया में 30-40 से ज्यादा नॉइस डेसिबल नहीं होना चाहिए.
  • इंडस्ट्रियल एरिया में 90 डेसिबल से ज्यादा नॉइस नहीं होना चाहिए.
  • इंडस्ट्री एरिया में जो नॉइस पॉल्यूशन होता है, उसका इफेक्ट ज्यादा इफेक्ट पड़ता है.
  • डीजे का डेसिबल 120 से ज्यादा होता है, जो धड़कनों को नुकसान पहुंचाता है
  • सेंसिटिव एरिया में जो 20 से 30 डेसिबल का निर्धारित यूनिट है

LALLURAM.COM किसी की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता है, लेकिन प्रशासन के नियम और लोगों की छिनती जिंदगी को देखते हुए ये संदेश देने के लिए खबर लिखी गई है. 

इसे भी पढ़ेः संयुक्त राष्ट्र ने भारत के प्रस्ताव को किया स्वीकार, 2023 ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ घोषित, केंद्रीय मंत्री तोमर ने कही ये बात…