रायपुर. न्यू राजेंद्र नगर स्थित मेडिशाईन हॉस्पिटल के डायरेक्टर और ऑर्थोपेडिक-ज्वाईंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ सुशील शर्मा ने दर्द से कराह से मरीज के चेहरे में मुस्कान लौटाईं है.

ज्वाईंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ सुशील कहते है कि पिछले करीब 10-12 वर्षों से एक मरीज कन्हैया लाल भोजवानी दर्द से परेशान थे. कुछ वर्षों बाद वे व्हील चेहर पर आ गए और उनका व्यवसाय भी बंद हो गया. जांच के बाद पता चला कि उनके दोनो हिप (कुल्हे) खराब हो चुके है और उन्हें रिप्लेस करने की जरूरत है. डॉ शर्मा बताते है कि मरीज को Avascular Necrosis नाम की बीमारी थी, जिसमें खून की सप्लाई न होने की वजह से कुल्हे और शोल्डर (कंधा) खराब हो जाता है. हालांकि मरीज ने इससे पूर्व एक अन्य अस्पताल में ऑपरेशन कराया था, लेकिन वो सफल नहीं रहा, जिसके बाद उनकी तकलीफ और बढ़ गई. मेडिशाईन अस्पताल में डॉ सुशील शर्मा ने उनका एक हिप रिप्लेस किया है, जिससे उनका दर्द पहले से काफी कम है और इससे उनके चेहरे में मुस्कान भी आ गई है.

5 हजार से ज्यादा नी और हिप रिप्लेसमेंट कर चुके है डॉ सुशील

राजधानी के मशहूर आर्थोपेडिक और ज्वाईंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ सुशील शर्मा 5 हजार से अधिक हिप और नी के सफल रिप्लेसमेंट कर चुके है. वे कहते है कि कंप्यूटर नेविगेशन तकनीक से प्रदेश में केवल एक मात्र मेडिशाईन हॉस्पिटल में ही नी (घुटना) और हिप (कुल्हा) रिप्लेसमेंट होता है. वे कहते है कि इस तकनीक से रिपलेसमेंट में मुख्य कार्य प्रत्यारोपित घुटने को सही डायमेंशन में पैर के अन्दर स्थापित करना होता हैं. कंप्यूटर नेविगेशन मशीन प्रत्यारोपित घुटने को मरीज की वास्ताविक स्थिति के अनुसार सही डायमेंशन में स्थापित करती है, जिसके कारण मरीज को इसका त्वरीत लाभ मिलता है. इस ऑपरेशन की सफलता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि मरीज ऑपरेशन होने के बाद उसी दिन सामान्य रूप से चल-फिर सकता है.

ज्वाईट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉक्टर सुशील शर्मा ने जानकारी दी कि कंप्युटर नेविगेशन मशीन व्दारा श्री मेडिशाइन हॉस्पिटल में 100 से अधिक ऑपरेशन किये जा चुके हैं. उन्होंने इस बात को दुहराया कि मरीज़ों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा देना हमारी पहली प्राथमिकता है. यही कारण है कि श्री मेडिशाइन हॉस्पिटल पूरे राज्य में अपनी सर्वसुविधायुक्त चिकित्सा व्यवस्था के लिये ख्यात हो चुका है.