सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. स्कूली पाठ्यक्रम में संशोधन, बदलाव और विकास के लिए बैठक की गई. जहां नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के ड्रॉप्ट के आधार पर सुझाव लिया गया. इसके बाद ही यह तय होगा कि, पाठ्यक्रम में क्या संशोधन करना है, क्या हटाना है, क्या नया चैप्टर एड किया जाएगा.

SCERT के डायरेक्टर राजेश सिंह राणा ने बताया कि, पाठ्यक्रम में बदलाव संशोधन और परिवर्तन के लिए आज राज्य स्तरीय बेबीनार आयोजन किया गया, जिसमें डाइट के प्राचार्यों द्वारा सुझाव लिया गया है. प्राप्त सुझावों के आधार पर राज्य पाठ्यचर्या तैयार किया जाएगा. उसके बाद उस राज्य पाठ्यचर्या को राष्ट्रीय पाठक चर्चा के लिए भेजा जाएगा. साथ ही बताया कि, पिछले साल हम लोगों ने स्थानीय बोली-भाषाओं में पढ़ाई के लिए पाठ्यचर्या भेजा था, जो आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय स्तर पर लागू है.

आगे उन्होंने कहा, राष्ट्रीय स्तर पर एनसीएफ फाउंडेशन स्टेज, एनसीएफ स्कूल एजुकेशन एंड NCF टीचर एजुकेशन और NCF एडल्ट एजुकेशन का विकास किया जा रहा है. इसी आधार पर राज्य स्तर पर भी 4 पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार की जा रही है.

एनसीईआरटी ने विगत 6 अप्रैल को स्कूल एजुकेशन की पाठ्यचर्या की रूपरेखा जारी की है और इसी आधार पर राज्य में स्कूल एजुकेशन की पाठ्यचर्या की विकास का कार्य शुरू किया गया है. इसके अंतर्गत एनसीईआरटी ने 6 अप्रैल 2030 को एनसीएफ स्कूल एजुकेशन जारी किया है, इसके लिए राष्ट्रीय स्तर की अनुशंसा को समझने का प्रयास हो रहा है.

प्रक्रिया का उद्देश्य

  1. Age 3 से 18 के बच्चों के लिए पाठ्यचर्या का विकास किया जा रहा है,
  2. दस्तावेज के आधार पर भी SCF School Education तैयार की जाएगी
  3. इसके अंतर्गत प्रमुख रूप से Chhattisgarh में पाठ्यचर्या के क्रियान्वयन की प्रमुख चुनौतियां
  4. Text book का विकास
  5. शिक्षकों के प्रशिक्षण की रणनीति का निर्धारण

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
 लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें