रायपुर। छत्तीसगढ़ के सिलगेर में बीते 13 जून को आदिवासी ग्रामीणों का प्रदर्शन समाप्त हो गया है, लेकिन सियासत अब भी बरकरार है. सिलगेर गोलीकांड और आदिवासियों पर अत्याचार को लेकर नंदकुमार साय ने सरकार को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि समाज जनांदोलन कर न्याय की लड़ाई लड़ेगा.

सिलगेर गोलीकांड में सियासत बरकरार

इस दौरान नंदकुमार साय ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सिलगेर में जिस प्रकार से निर्दोष आदिवासियों को पुलिस बल के द्वारा अत्याचार और प्रताड़ित कर उन्हें बल पूर्वक दमन किया जा रहा.

‘समाज लड़ेगा न्याय की लड़ाई’

इतना ही नहीं उन्होंने लिखा कि मैं राज्य सरकार को चेतावनी दे रहा हूं, अगर ये दमनकारी नीति रोकी नहीं गई और आदिवासी बहुल राज्य में आदिवासी समाज के साथ अन्याय नहीं रोका गया, तो पूरे छत्तीसगढ़ में समाज जनांदोलन कर अपने हक और न्याय की लड़ाई लड़ेगा.

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दरअसल, सिलगेर में CRPF कैंप का स्थानीय ग्रामीण आदिवासियों ने विरोध शुरू किया था. आदिवासी ग्रामीणों का आरोप था कि जिस जगह पर कैम्प बन रहा हैं, वो ग्रामीणों की जमीन है. इसी बीच गोलीबारी शुरू हो गई थी, जिसमें लगभग तीन लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद से अदिवासियों में आक्रोश था. ग्रामीण तकरीबन 28 दिनों तक धरना प्रदर्शन करते रहे.

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आंदोलन में आदिवासी राशन पानी लेकर धरनास्थल पर डंटे हुए थे. धीरे-धीरे आंदोलन में शामिल होने वाले आदिवासियों की संख्या बढ़कर करीब 10 हजार तक पहुंच गई थी. इसके बाद सरकार और प्रशासन आदिवासियों से लगातार आंदोलन खत्म करने की अपील करता रहा, जिसके 28 दिनों बाद आदिवासियों आंदोलन खत्म किया था. फिलहाल गोलीबार केस में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं.

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