पुरूषोत्तम पात्र. गरियाबन्द. मैनपुर नायब तहसीलादार ख्याति कंवर ने आखिरकार आज धुरुवागुड़ी निवासी 75 वर्षीय कमला देवी को नेशनल हाइवे किनारे खसरा क्रमांक 38/1 में मौजूद 91 वर्गमीटर पर बने उस मकान का कब्जा दिलाया,जिसके लिए 17 दिसम्बर को आदेश जारी किया था.
जारी आदेश में 3 दिवस के भीतर कब्जा लेने का जिक्र किया गया था, 20 दिसम्बर को कमला देवी व परिवार के 6 सदस्य मकान का कब्जा लेने दिन भर प्रसाशन का इंतजार किया पर उस दिन कोई नहीं आये. पीडित परिवार दो दिनों तक प्रसाशन का चक्कर काटते रहे, आदेश पालन कराने का उसे किसी ने भरोसा तक नहीं दिलाया.
कमला देवी ने कहा कि 3 साल के संघर्ष के बाद जब 17 दिसम्बर को आदेश आया तो पूरा परिवार खुश था,लेकिन जब कब्जा दिलाने की तारीख टाला गया तो प्रसाशन से भरोसा उठ गया था. इसलिए 31 दिसम्बर से मैं परिवार के साथ अनिश्चित कालीन धरने पर बैठने का निर्णय ले लिया. मेरे पति की खून पसीने की कमाई से इस मकान की नींव रखी गई थी,लेकिन मुकेश जैन ने इस पर बेजा कब्जा कर लिया था. शरीर में प्राण रहते तक इस हक के लिए मैं लड़ाई लड़ने का मन बना लिया था.
मामले में नायब तहसीलादार ख्याति कंवर ने कहा की 17 दिसम्बर को ही हमने कमला देवी के पक्ष में फैसला सुना दिया था. पुलिस बल की कमी के कारण वे अन्य व्यस्तता के चलते मकान खाली नहीं करा सके थे. उन्हें दोबारा नई तारीख दी गई. उसी तारीख पर आज कब्जा दिलाया गया. इस आदेश के खिलाफ़ ऊपरी कोर्ट से कोई भी आदेश नहीं आया न ही किसी किस्म के दबाव थे.
मामले में कब्जाधारी मुकेश जैन ने कहा कि 15 वर्षो से किराये पर थे, किराये के साथ ही मकान खरिदने अग्रिम राशि का भुगतान कमला देवी को किया जाता रहा है. 6लाख तक दे चुके थे,पर इनके द्वारा मकान दूसरे को बेचने का सौदा किया गया. कोर्ट ने एक पक्षीय कार्यवाही की है.
छोटे से झोपड़े में गुजार रहे थे दिन
कमलादेवी के बड़े बेटा गिरधर,उनकी पत्नी दो बच्चों के अलावा भाई बहन भी साथ में थे. गिरधर ने बताया कि कारोबार नहीं चला तो स्वर्गीय पिता मालमल जैन ने मुकेश जैन को मकान किराये पर सौप कर राजस्थान चले गए थे. पिता की मौत के बाद 3 साल से मुकेश को मकान खाली करने कहा जाता रहा. पर वह अड़ा रहा. 6 माह पहले परिवार समेत राजस्थान से लौट कर तहसील न्यायालय पर आवेदन दिया गया था. इस लड़ाई के दरम्यान 10 बाई 10 के कच्चे झोपड़े में पूरा परिवार को दिन काटना पड़ा था.
भाजपा पहुंची थी कमला के समर्थन में
31 दिसम्बर से धुरूवागुड़ी पंचायत भवन चबूतरे में अनशन पर बैठे परिवार को 4 जनवरी को भाजपा ने समर्थन दिया था. पूर्व संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी के नेतृत्व में सभी प्रकोष्ट के पदाधिकारी कमला देवी के पास पहुंच उसकी लड़ाई में साथ देने का भरोसा दिलाया था. गोवर्धन मांझी ने कमला देवी की दुर्दशा का हवाला देकर सरकार पर गरीबो के साथ भेदभाव करने व अमीरों का सरकार होने का आरोप लगाया था. भाजपाइयों के इस समर्थन के बाद ही आज मैनपुर तहसील अमला ,कमला देवी को कब्जा दिलवाया.