गौरव जैन, जीपीएम. छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी और राजगीत में उल्लेखित अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन को लेकर कवायद तेज हो गई है. इसी सिलसिले में हाईकोर्ट से गठित न्यायमित्रों ने अरपा के उद्गगम स्थलों का निरीक्षण किया. इसके साथ ही अरपा के वजूद को बचाने के लिए इस नदी पर हुए अतिक्रमण हटाने पर जोर दिया जा रहा है.

बता दें कि, हाईकोर्ट के आदेश पर न्यायमित्र और अधिकारियों द्वारा अरपा के संभावित उद्गगम स्थलों और अतिक्रमण का जायजा लेने के लिए टीम संंभावित तौर पर पेन्ड्रा के अमरपुर में मौजूद अरपा स्थल पहुंचे. इसके साथ न्याय मित्रों का इस बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए सोनमुडा, दुर्गा धारा और अरपा नदी का एक और उद्गगम स्थलों का दौरा कर रही है. इसके बाद टीम अपनी रिपोर्ट तैयार कर हाइकोर्ट में प्रस्तुत करेगी.

दरअसल, जिला गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही से निकलने वाली इस नदी के वास्तविक उद्गगम को लेकर आज भी एक विवाद बना हुआ है. हाईकोर्ट से गठित न्याय मित्र वायसी शर्मा, एएस कछवाहा, यूएनएस देव, पीएल चंद्राकर, सीके केशरवानी, स्वर्ण कुमार चंदेल एवं याचिकाकर्ता अरविंद शुक्ला के साथ बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार और जिला गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही ऋचा प्रकाश चौधरी भी अरपा के उद्गम स्थल का दौरा किया.

अरपा और उद्गम स्थल को लेकर हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई
अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई चल रही है. हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित न्यायमित्रों ने अरपा की बदहाली को लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. हाईकोर्ट ने कलेक्टर को अरपा को संरक्षित करने के लिए बनाई गई कार्ययोजना की जानकारी मांगी थी. अब टीम रिपोर्ट तैयार कर हाइकोर्ट को शीघ्र इस संबंध में जवाब प्रस्तुत करेगी.

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