रायपुर. छ्त्तीसगढ़ में राजस्व निरीक्षकों ने मांगे पूरी नहीं होने पर ऑनलाइन कार्य बंद कर दिया है. छत्तीसगढ़ राजस्व निरीक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर शासन को ज्ञापन सौंपा था. संघ का कहना है कि समय-समय पर पत्राचार करने के बावजूद अब तक उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है, जिससे शासन की उदासीनता झलकती है.

दरअसल, संघ ने ऑनलाइन कार्यों के बहिष्कार का निर्णय लिया है. इसके तहत जिले के सभी राजस्व निरीक्षक अब ऑनलाइन कामकाज नहीं करेंगे. विभाग के अन्य कार्य पहले की तरह जारी रहेंगे, लेकिन ऑनलाइन सेवाएं ठप होने से आम जनता को सीधा असर झेलना पड़ेगा.

क्या है मुख्य मांगे –
- नायब तहसीलदार/सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख के रिक्त पदों पर शीघ्र पदोन्नति.
- नायब तहसीलदार के 50% पद विभागीय पदोन्नति/भर्ती से भरने की व्यवस्था.
- मोबाइल, कंप्यूटर व इंटरनेट सहित आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना.
- ऑनलाइन मानचित्र बंटाकन अनुमोदन की समस्याओं का समाधान.
- रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती और अतिरिक्त प्रभार का भत्ता.
- सीमांकन व बंदोबस्त त्रुटि सुधार प्रकरणों की पूर्ववत समयावधि.
- सामान्य प्रशासन विभाग में लंबित मांगों का निस्तारण.
- मानवीय भूल पर न्यायालयीन कार्रवाई के स्थान पर विभागीय कार्रवाई.
- संवर्गों के विलय एवं मर्जिंग संबंधी निर्णय.
संघ ने जानकारी दी कि सीमांकन, नक्शा बंटाकन और अन्य ऑनलाइन कार्यों के दबाव के बीच राजस्व निरीक्षक असुरक्षा की स्थिति में कार्य कर रहे हैं. रिक्त पदों के कारण कई निरीक्षकों को एक साथ दो से तीन सर्कलों का भार उठाना पड़ रहा है, जिससे मानसिक व शारीरिक तनाव बढ़ गया है. संघ ने स्पष्ट किया है कि शासन यदि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करता, तो उन्हें आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.
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