सत्यपाल राजपूत, रायपुर। राजधानी रायपुर के पंडरी स्टैंड में ट्रैफ़िक जाम से यात्री और राहगीरों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. नए बस स्टैंड के शुभारंभ के दो माह बाद भी शिफ्टिंग नहीं हुआ है. पंडरी बस स्टैंड को अंतरराज्यीय बस टर्मिनल में शिफ़्ट होना था. लगभग 500 गाड़ियां यहां से संचालित होती हैं. 50-60 हजार यात्री यहां से सफ़र करते हैं. ट्रैफ़िक में फंसे लोगों की सब्र अब टूटने लगी है. सिस्टम पर सवाल उठने लगा है. बस संचालकों ने कहा जब यहां से जाने के लिए कहा जाएगा तब हम चले जाएंगे. नया बस स्टैंड में कुछ व्यवस्था नहीं है तो वहां जाकर क्या करेंगे ?.

इसे लेकर lalluram.com ने कई बस संचालकों से बातचीत की. इस दौरान अब्दुल क़ादिर ने बताया कि अंतरराज्यीय बस टर्मिनल में कुछ व्यवस्था ही नहीं है, तो जाकर वहां हम क्या करेंगे. पहले व्यवस्था की जाए, उसके बाद ही बसों का संचालन संभव है.

ये नहीं है व्यवस्था

बस संचालकों को दुकान का आवंटन नहीं के बराबर हुआ है. 35-40 बस संचालकों में से बारह लोगों को ही आवंटन हुआ है. ऐसे ही स्थिति में बाक़ी संचालन क्या झाड़ के नीचे से अपने बसों का संचालन करेंगे.

पंडरी यात्री बस स्टेशन में संचालित मैकेनिकल इंजन मिस्त्री, कमानी मिस्त्री, टायर पंचर साथ ही मिस्त्रियों का वहां व्यवस्थापन किया जाए, क्योंकि बस के बिगड़ने पर यही तत्काल ठीक करते हैं. वर्षों से यहां पर काम कर रहे हैं. ऐसे में इनको भी वहां शिफ़्ट किया जाए.

संचालकों ने कहा कि जो पिछले पंद्रह, बीस साल से बस स्टैंड में होटल संचालक, किराना स्टोर, डेली निडस, सीट कवर आदि दुकानों को पहले सीट किया जाए. इसके लिए अभी तक की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

पार्किंग विवाद

साथ ही कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश है कि पार्किंग के नाम पर निगम एक रुपया भी नहीं ले सकता, लेकिन हम व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रति छोटे बस 20 रुपया और बड़ी बस 50 रुपया देने के लिए समर्थन दिए हैं. निगम के द्वारा मनमानी किया जा रहा है. प्रति घंटा छोटे बस का 30 रुपया और बड़े पास का अस्सी रुपया निर्धारित किया गया है. ऐसे में आयोजित 18-20000 हम गाड़ी खड़ी करने का किराया देंगे तो हम कमाएंगे क्या ?.

पंडरी में हमारी तमाम व्यवस्था हैं. स्वयं का दुकान है, जहां से हम अभी संचालित करते हैं. वहां व्यवस्थाएं ही नहीं तो कैसे बसों का संचालन होगा. वहां ये तमाम व्यवस्था हो जाएगी. उसके बाद हम बस का संचालन करेंगे.

वहीं पंडरी में बसों के संचालन के कारण अव्यवस्था ट्रैफ़िक जाम को लेकर परेशान लोगों ने कहा कि जब 50 करोड़ से ज़्यादा ख़र्च कर अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल बना दिया गया है. इसको शिफ़्ट क्यों नहीं किया जा रहा है. यहां हम परेशान होते हैं. यहां से जाना खुद की जान जोखिम में डालने जैसा है. लंबी-लंबी गाड़ियों की कतारें लग जाती है.

यात्रियों ने कहा कि जाम में फंसे रहते हैं, हालात बद से बदतर हैं. यातायात व्यवस्था का नाम नहीं है. ऐसी व्यवस्था को सुधारने के नाम पर नया बस स्टैंड बनाया गया है, लेकिन लोकार्पण होने के बाद भी व्यवस्था अभी तक नहीं सुधरी है. हमें इस जाम से कब निजात मिलेगा.

60-70000 यात्री करते हैं यहा से यात्रा
पंडरी बस स्टैंड से लगभग 500 छोटी बड़ी गाड़ियां संचालित होती हैं, जिसमें 60-70000 यात्री यात्रा करते हैं. इसमें से ज्यादातर लोगों को परेशानियों को सामना करना पड़ा है. प्रशासन से व्यवस्थाएं दुरूस्त करने की अपील कर रहे हैं.