बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में हुए डामर घोटाले का मामला एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में जनहित याचिका दाखिल की गई है. इस प्रकरण को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने व्यक्तिगत कारणों से सुनवाई से इंकार कर दिया है. अब इस मामले की सुनवाई किसी दूसरी युगलपीठ में होगी. अभी बेंच और सुनवाई की तारीख फिलहाल तय नहीं है.

दरअसल, 2019 में इस मामले में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान शासन ने कोर्ट से कहा था कि मामले की जांच कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही प्रकरण की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शासन के जवाब से संतुष्ट होकर जांच और कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए जनहित याचिका को निराकृत कर दिया था. इसके बाद से अब तक मामले की न तो जांच कराई गई और न ही कोई कार्रवाई की गई. इस पर दोबारा जनहित याचिका प्रस्तुत की गई है.

गौरतलब है कि 2016 में रायपुर के वीरेंद्र पांडेय ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश भर में 21 सड़कों के निर्माण के लिए एडीबी से 12 सौ करोड़ का कर्ज लिया गया था. 1200 करोड़ में से तकरीबन 200 करोड़ रुपए के घोटाले की आशंका है.

एक ही बिल को लगाकर कई सड़कों का निर्माण होना दर्शाया गया है. याचिका में मामले की जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी. मामले की सुनवाई के दौरान शासन ने कोर्ट में कार्रवाई करने की बात कही थी. हालांकि इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई थी. इस दौरान मामले में हाईकोर्ट ने शासन को निर्देश देने के साथ ही प्रकरण को निराकृत कर दिया था.

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