सत्यपाल राजपूत, रायपुर। राजधानी रायपुर के राइस मिलर्स कलेक्टर के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं. आदेश के बावजूद 2019-20 और 2020-21 के धान उठाव की गति धीमी है. रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने मामले को गम्भीरता से लिया है. राइस मिलर्स को निर्देशित किया है. शासन की मंशा के अनुरूप धान उठाव कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें. आने वाले एक सप्ताह में धान उठाव को गति दें.

राइस मिलर्स पर कार्रवाई की तैयारी

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले में 130 अरवा और 70 उसना चावल बनाने वाली राइस मिल हैं. 130 मिलर्स भारतीय खाद्य निगम के अलावा राज्य शासन को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए चावल उपलब्ध कराते हैं. ये चावल नागरिक आपूर्ति निगम में जमा होता है. उसना मिलर्स भारतीय खाद्य निगम को उसना चावल प्रदाय करते हैं. पिछले कुछ दिनों से राइस मिलर्स द्वारा धान का उठाव अपेक्षित गति में नहीं किया जा रहा है.

11 राइस मिल अब तक ब्लैक लिस्टेड

बारिश के कारण धान के रख रखाव में कठनाई हो रही है, जिसे देखते हुए नए कलेक्टर सौरभ कुमार ने खाद्य, सहकारिता, जिला सहकारी बैंक मार्कफेड के अधिकारियों की बैठक लेकर धान के उठाव में गति लाने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर सौरभ कुमार ने कस्टम मिलिंग कार्य में रुचि नहीं लेने वाले राइसमिलर्स पर मिलवार निगरानी रखने के लिए सहायक खाद्य अधिकारियों, खाद्य निरीक्षकों को निरीक्षण कर धान उठाव में तेज़ी लाने के निर्देशित किया है.

कलेक्टर ने कहा कि जिन मिलर्स द्वारा शासन के निर्देशानुसार धान का उठाव नहीं किया जा रहा है, उनको चिन्हित करते हुए धान का उठाव करने के लिए निर्देशित किया जाए. कलेक्टर ने शासन का सहयोग करने वाले मिलर्स का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर समितियों में रखे धान को बाकी मिलर्स समय रहते उठाव कर लेते तो समिति का धान समाप्त हो जाता.

कलेक्टर ने कहा कि राइस मिलर्स के द्वारा समय पर धान उठाव न कर व्यक्तिगत निजी मिलिंग करना शासन के आदेश की अवहेलना है, जिसके लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी. राइस मिलर्स के द्वारा समय पर धान उठाव नहीं किए जाने के कारण जिले के 11 राईसमिलों को ब्लैक लिस्टेड भी किया गया है.

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