मनेंद्र पटेल, दुर्ग। दुर्ग जिले के कोनारी गांव में संचालित कोमल फूड प्रोडक्ट्स फैक्ट्री पर राज्य खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDDA) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। यह प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा कार्रवाई मानी जा रही है, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया पर अब सवाल उठने लगे हैं।


कोनारी गांव में कोमल फूड प्रोडक्ट के नाम से संचालित कंपनी के पास किसी प्रकार का फूड लाइसेंस नहीं था। अवैध तरीके से संचालित इस फैक्ट्री में दो बार कार्रवाई के बाद एक बार फिर गुरुवार को राज्य खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के कमिश्नर द्वारा एक टीम भेजी गई, जिसमें सहायक आयुक्त नितेश मिश्रा और मोहित बेहरा शामिल थे। अधिकारियों ने आज फैक्ट्री में 30 किलोग्राम इलायची छिलका और डेढ़ किलोग्राम मेंथॉल बरामद किया है।

पांच दिन पहले की गई कार्रवाई के बाद फिर कार्रवाई की गई, यानी एक ही स्थान पर तीन बार कार्रवाई की गई है। जिस स्थान पर जिला फूड अधिकारी ऋचा शर्मा ने कार्रवाई कर सैंपल जब्त किया था, वहां फिर से राज्य स्तर के अधिकारी आकर सैंपल जब्त करने की कार्रवाई करते हैं। इस तरह अलग-अलग कार्रवाई से कई सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि राज्य के अधिकारियों को अपने ही जिला अधिकारियों पर विश्वास नहीं हो रहा है।
जांच टीम में शामिल सहायक आयुक्त मोहित बेहरा ने बताया कि आज राज्य फूड कंट्रोलर दीपक अग्रवाल के माध्यम से टीम बनाकर दुर्ग भेजा गया। जिला अधिकारी की कार्रवाई पर कुछ शिकायतें मिली थीं। दुर्ग में कोमल फूड प्रोडक्ट्स कंपनी में कार्रवाई के दौरान सुपारी, इलायची और मेंथॉल के सैंपल जब्त किए गए। वहीं, अन्य कंपनी कन्हैया गोल्ड प्रीमियम एरिका नेट के 500 ग्राम के पैकिंग पैकेट भी जब्त किए गए हैं।
कंपनी के पास किसी प्रकार का फूड लाइसेंस नहीं है, जिसके लिए उन पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कई संदेहास्पद चीजें भी बरामद की गई हैं, जिनके लिए सैंपल की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।
जबकि 1050 बोरियों में एक करोड़ 20 लाख की कच्ची सुपारी और 247 बोरियों में 33 लाख 34 हजार की कटी सुपारी पहले ही बरामद कर कंपनी को सील करने की कार्रवाई की गई थी।
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