CG News: राजनांदगांव. जिले में खाद-बीज की कालाबाजारी रूकने का नाम नहीं ले रही. एक ओर सहकारी सोसाइटियों में डीएपी और यूरिया खाद नहीं मिल रही. वहीं निजी कृषि केंद्र संचालकों के पास भारी मात्रा में स्टाक रखा हुआ है. इस मामले को लेकर जिला किसान संघ मंगलवार को कलेक्टोरेट पहुंचे.

 यूरिया-डीएपी की कृत्रिम कमी को लेकर किसान संघ ने मंगलवार को कृषि विभाग का घेराव किया. पदाधिकारियों ने मामले को रखा, तो अफसरों ने कृषि केंद्र के संचालकों का बचाव करते हुए कहीं पर भी खाद नहीं होने की बात कही, तो किसान संघ के पदाधिकारी गोदामों में चलकर दिखाने की बात कही. इसके बाद जमाखोरी और खाद को महंगे दाम में बेचे जाने का खुलासा हुआ है.

यूरिया और डीएपी खाद की शुरुआत से ही जिले में किल्लत बनी हुई है. वहीं निजी दुकानों में पर्याप्त स्टाक मौजूद है. दुकान संचालक इसका बखूबी फायदा उठा रहे हैं. किसानों को खाद को दो से तीन गुणा अधिक दाम में बेच रहे हैं. इसके अलावा किसानों को यूरिया-डीएपी देने के एवज में अन्य खाद को बेवजह पकड़ाया जा रहा है.

कृषि विभाग के अफसर नहीं कर रहे कार्रवाई

कृषि केंद्रों में एमआरपी रेट से अधिक दाम में खाद-बीज बेचे जाने की शिकायत शुरु से मिल रही है. अभी हाल ही में 30 व 31 जुलाई को चौकी क्षेत्र में चंद्रा कृषि केंद्र में इस तरह का मामला फॉरवर्ड डेमोक्रेटिक लेवर पार्टी द्वारा पकड़ा गया. खैरागढ़ जिले में के हिंगलाज कृषि केंद्र में मामला सामने आया, इन मामलों में कृषि विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

कृषि विभाग के अफसर व किसान संघ के पदाधिकारी मंगलवार को तकरीबन आधा दर्जन कृषि केंद्र के गोदामों में दबिश दिए. इस दौरान नंदई में संचालित अमन इंटरप्राइजेस और हल्दी के एक कृषि केंद्र में भारी मात्रा में यूरिया खाद मिला. यहां किसानों को महंगे दाम में खाद बेचा जा रहा था, तो कृषि विभाग के अफसरों की मौजूदगी में किसानों को आधार कार्ड दिखाने पर शासकीय दर पर खाद उपलब्ध कराया गया. इसके बाद संबंधित कृषि केंद्र के गोदामों को सील कर दिया गया है. बताया कि कुछ दुकानों के गोदामों में खाद का स्टॉक नहीं मिली.