प्रतीक चौहान. रायपुर. रायपुर रेल मंडल के रेल कर्मचारियों की कोरोनाकाल में अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर सेवा करने वाले करीब 45 नर्सिंग स्टॉफ को आज एक झटके में निकालने की तैयारी है.
रेलवे के जिन अधिकारियों ने ही इन्हें नौकरी देते वक्त जो नियम बनाया था उसका पालन वे खुद नहीं कर रहे है. एक नर्सिंग स्टॉफ ने बताया कि उनका जब कांट्रेक्ट हुआ था, तब उसमें ये कंडिशन थी कि 15 दिन की पूर्व सूचना स्टॉफ या रेलवे को नौकरी छोड़ने और नौकरी हटाने से पूर्व देनी होगी.
लेकिन जब इनका कांट्रेक्ट समाप्त किया जा रहा है तो रेलवे ने उन्हें केवल तीन दिन का नोटिस दिया है. अब कोरोनाकाल में रेलवे स्टॉफ की जान बचाने वाले ये नर्सिंग स्टॉफ बेरोजगार होने वाले है.
नर्सिंग स्टॉफ का कहना है कि सब अपनी नौकरी छोड़कर रेलवे अस्पताल में ज्वाईन करने आए थे. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि रेल अधिकारी उनके साथ अब ऐसा सौतेला व्यवहार करेंगे.
उनकी सिर्फ इतनी मांग है कि उनका सितंबर माह तक कांट्रेक्ट पूरा होने तक नौकरी में रखा जाए, जिससे वे अपने लिए कोई नई नौकरी का इंतेजाम कर ले.
रात 11 तक रेलवे डॉक्टर लेते रहे इंटरव्यू
नर्सिंग स्टॉफ लोगों का कहना है कि 39 नर्सिंग स्टॉफ में से 8 लोगों को टर्मिनेशन का नोटिस नहीं दिया गया है. इसके लिए 25 जून को मीटिंग के बहाने बुलाया गया और रात 11 बजे के बाद तक उनके इंटरव्यू चलता रहा. हालांकि इस दौरान एक महिला डॉक्टर भी मौजूद थी.