रायपुर. रेलवे स्टेशन में यात्रियों को घटिया और बदबूदार खाना दिए जाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार शिकायत सामने आने के बाद भी कमर्शियल विभाग के कैटरिंग इंस्पेक्टर और कमर्शियल इंस्पेक्टर समेत रेलवे स्टेशन में मौजूद अधिकारी खाद्य पदार्थ की जांच नहीं कर रहे है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के पूर्व जीएम सुनील सिंह सोइन जब भी रायपुर रेलवे स्टेशन या अन्य कोई भी स्टेशन निरीक्षण करने पहुंचते थे तो वे हर बार यात्रियों को दिए जाने वाला खाना जरूर चखते थे. लेकिन अब आलम ये है कि वर्तमान जीएम और न डीआरएम कभी यात्रियों को दिए जाने वाला खाना बेचने वाले फूड स्टॉल पर न जाते है और यहां के खाद्य पदार्थ चखते है. यहां तक वे मीडिया कर्मियों के साथ रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने से भी कतराते है.

चंद दिनों पहले ही लल्लूराम डॉट कॉम ने ये खबर प्रमुखता से उठाई थी कि रेलवे स्टेशन में यात्रियों को खाने के ऐसे पैकेट्स बेचे जा रहे है जिसमें न तो एमआरपी है और न पैकिंग होने की तारिख और समय.

बावजूद इसके न तो कैटरिंग इंस्पेक्टर और न कमर्शियल इंस्पेक्टर ने रेलवे स्टेशन में इसकी जांच की. जिसका नतीजा ये हो रहा है कि अब यात्रियों ने रेल मंत्रालय से इसकी शिकायत करनी शुरू कर दी है.

लेकिन बावजूद इसके रायपुर रेल मंडल के अधिकारियों को इससे फर्क नहीं पड़ता. क्योंकि इस पूरे मामले की शिकायत होने के बाद भी उक्त स्टॉल पर जांच या कार्रवाई की कोई भी जानकारी Tweet के माध्यम से रेल मंत्रालय और न यात्री को दी है.

इसके बाद यात्री ने लल्लूराम डॉट कॉम से पूरे मामले को रेलवे के संज्ञान में लाने का निवेदन किया है और रायपुर रेलवे स्टेशन के फूड स्टॉल ISRAT JAHAN के खराब खाने की क्वालिटी की फोटो उपलब्ध कराई है. बता दें कि पूरे मामले की शिकायत करने वाले यात्री का आशुतोष जायसवाल है और उन्होंने 6147215897 (पीएनआर नंबर से) यात्रा की है.

ये है वो खबरें जिसे लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था

रायपुर रेलवे स्टेशन में सब गोल-माल, बिरयानी में न एमआरपी और न पैकिंग डेट

रायपुर रेलवे स्टेशन में शुरू हुआ अवैध वेंडिंग का खेल, आरपीएफ और कैटरिंग अधिकारियों को कोई मतलब नहीं !