पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. देवभोग के सोनामुंदी स्थित देशी-विदेशी शराब दुकान को हटाने की मांग को लेकर आज लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. वार्ड पार्षद विनोद पांडे और पटेल भंवर सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष दुकान के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. इस दौरान लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं गायत्री परिवार ने भी धरना स्थल पहुंचकर प्रशासन को जगाने सद्बुद्धि यज्ञ किया.

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आबकारी विभाग के खिलाफ महिलाओं का भी भारी आक्रोश देखा जा रहा है. सुबह से ही देवभोग पुलिस धरना स्थल पर मौजूद है. आबकारी विभाग के कर्मी अफसर भी पहुंचे हैं और प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाइश में लगी है. हालांकि वार्डवासी दुकान हटाने के लिखित आदेश मिलने पर ही प्रदर्शन खत्म करने पर अड़े हुए हैं. धरने में शिशु मंदिर के संचालक, पदाधिकारी, पालक और गायत्री परिवार के सदस्य भी शामिल हुए. महिलाओं ने चूल्हा-चौका लेकर धरना स्थल पर बैठ गई है. इस दौरान शराब खरीदने आए ग्राहकों को शरबत पिलाकर वापस भेज दिया.

क्यों हो रही शराब दुकान हटाने की मांग?

स्थानीय लोगों का कहना है कि 10 साल पहले जब दुकान संचालित हुआ तो आबादी कम थी. लेकिन अब आबादी बढ़ गई है. स्कूल जाने वाले बच्चों को इसी दुकान  रस्ते से आना-जाना करना होता है. शराबी विद्यालय प्रांगण और मुख्य दरवाजे तक पहुंच जाते है. अहाता में नियम विरुद्ध प्लास्टिक की बिक्री होती है, जिससे इलाके में गंदगी पसर जाती है. इन परिस्थितियों को देखते हुए वार्डवासियों की लंबे समय से मांग है कि शराब दुकान को किसी दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए.

आबकारी विभाग के जवाब से ग्रामीणों में आक्रोश 

पिछले 2 सालों से शराब दुकान हटाने की मांग की जा रही है. स्थानीय जनप्रतिनिधि भी कलेक्टर, प्रभारी मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक दुकान को बंद करने की मांग कर चुके हैं. सभी स्तरों से आबकारी विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए गए, लेकिन विभाग ने लोगों की मांग और निर्देशों को नजरअंदाज कर दुकानदारी को ही प्राथमिकता दी. दुकान हटाने के बजाय विभाग ने उसी पुराने स्थल पर भवन और अहाता का टेंडर जारी कर दिया. जब जनप्रतिनिधियों ने दोबारा सवाल उठाए तो विभाग ने राजस्व हानि का हवाला दिया और दुकान हटाने की प्रक्रिया को शासन स्तर का विषय बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. इसी मनमानी और उदासीन रवैये के खिलाफ आक्रोशित होकर सोनामुंदी वार्ड के लोग आज धरने पर बैठ गए हैं.

पार्षद विनोद पांडे ने कहा कि दुकान हटाने से पहले नए स्थल का चयन प्रकिया और दुकान के लिए पृथक से टेंडर निकालने की प्रकिया भी शुरू की गई थी. लेकिन पूर्व जिला आबकारी अधिकारी की मनमानी के कारण दुकान को हटाया नहीं जा सका.

लिखित आश्वसन के बाद धरना किया खत्म

आबकारी विभाग के सब इंस्पेक्तर रजत सिंह ठाकुर ने उच्च अफसरों के निर्देश पर लिखित आश्वासन देकर कहा है कि 40 दिन के भीतर दुकान हस्तांतरण कर दिया जाएगा. लिखित आश्वासन के बाद लोगों ने धरना खत्म किया है.