रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री TS सिंहदेव ने शनिवार को पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है, तब से सियासी उबाल तेज है. छत्तीसगढ़ BJP लगातार कांग्रेस पर हमलावर है. इसी कड़ी में बीजेपी ने बड़ा दावा किया है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि भूपेश सरकार के खिलाफ बीजेपी जल्द अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि पार्टी तय करेगी तो अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. सिंहदेव ने सरकार में मंत्री रहते हुए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रकट किया है. इस सरकार को एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है.

रमन सिंह बोले सिंहदेव को बीजेपी में लाने से जुड़े सवाल पर रमन ने कहा कि उन्होंने अभी तो एक ही विभाग से इस्तीफा दिया है. एक बार उनका पूरा हिसाब-किताब पूरा हो जाए फिर देखते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि सिंहदेव का इस्तीफा पूरे देश में पहुंच गया. दुनिया ने देख लिया, लेकिन ये मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचा.

रमन ने कहा कि यह सरकार पूरी तरीके से असफल रही है. जन घोषणा पत्र बनाने टी एस सिंहदेव गली-गली घूमे, लेकिन उन घोषणाओं को पूरा करने में सरकार जरा भी गंभीर नहीं. यह सरकार गरीब, मजदूरों के लिए बेरहम सरकार है.

साथ ही रमन ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर टी एस सिंहदेव बार बार चिट्ठी लिखते रहे, लेकिन वह गरीबों की आवाज नहीं बन पाए. यही उनकी पीड़ा और तकलीफ रही. उन्होंने कहा कि मेरी तकलीफ गरीबों के आवास को बनाने में असफल रहने से है. सरकार के पास गरीबों के लिए आवास बनाने के लिए ना समय है और ना पैसा है.

रमन ने कहा कि सिंहदेव ने अपने पत्र में कहा कि सरकार रूल ऑफ बिजनेस का उल्लंघन कर रही है. किसी विभाग की योजना में अनुमोदन देने का अधिकार विभाग के भारसाधक मंत्री के पास होता है, लेकिन सरकार ने सिंहदेव को अपमानित करने की नियत से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति बना दी. मंत्रियों विधायकों समेत अन्य लोगों के प्रस्ताव सिंहदेव के पास आए थे, जबकि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति ने इस पर निर्णय लिया. रूल ऑफ बिजनेस का पालन नहीं करने से भी टी एस सिंहदेव नाराज थे. उन्होंने लिखा है कि जन प्रतिनिधि होने के बावजूद वह काम नहीं कर पा रहे.

इसके साथ ही रमन सिंह ने कहा कि सिंहदेव की नाराजगी पेसा कानून के नए नियमों को लेकर भी रही. जो प्रारूप कैबिनेट कमेटी के पास भेजा गया, जिस पर चर्चा हुई थी, जिसमें जल,जंगल और जमीन की बातें कही गई थी, उसकी प्रेसिका कैबिनेट में बदल दी गई. यह आरोप मेरा नहीं है, यह टी एस सिंहदेव का आरोप है.

रमन सिंह ने कहा कि गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सरकार साजिश करती है. एक साजिश के तहत रोजगार सहायकों से हड़ताल कराकर मनरेगा के काम को प्रभावित किया गया. इसमे सहायक परियोजना अधिकारियों की भूमिका सामने आई. हड़ताली कर्मचारियों की मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने कमेटी बनाई. 1200 करोड़ रुपए की मजदूरी प्रभावित हुई. अपने पत्र में टी एस सिंहदेव ने यह भी लिखा है कि जन भावना के अनुरूप सरकार काम करने में सफल नहीं हो पाई. इसके बाद क्या बच जाता है. सिंहदेव ने सरकार में मंत्री रहते हुए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रकट किया है. इस सरकार को एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं.

वहीं धरमलाल कौशिक ने अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने पर कहा कि सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है. जनता से वादाखिलाफी की गई है. सरकार को जनता से किए वादों को याद दिलाने की जरूरत है. बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी.

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत मंत्री के पद से 4 पन्नों का इस्तीफा पत्र जारी था. उन्होंने इस्तीफे पर लिखा था कि APO की पदस्थापना मेरे अनुमोदन के बगैर कर दी गई, जो मुझे स्वीकार नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री आवास का प्रदेशवासियों को लाभ नहीं मिलने समेत कई मामलों को जिक्र था.

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