प्रतीक चौहान. रायपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के आरपीएफ आईजी पर नियम विरूद्ध तबादले करने का आरोप लगा है. इसकी शिकायत रेल मंत्री पीयूष गोयल से की गई है.
सूत्रों के मुताबिक आरपीएफ आईजी के विरूद्ध रेल मंत्री को लिखी शिकायत में कहा गया है कि बिलासपुर के PCSC कम IG RPF ने हाल ही में दिनांक 15 मार्च 2021 को RPF के इंस्पेक्टरों के एक साथ 5 तबादले आदेश जारी किए है. इन तबादले आदेशों में रेलवे मंत्रालय के डायरेक्टिव संख्या 32 का साफ-साफ उलंघन किया है.
डायरेक्टिव 32 तबादलों में होने वाले गैरकानूनी कृत्योंको रोकने हेतु रेलवे मंत्रालय से जारी हुआ था. इसमे जिनका ट्रांसफर होना है उनसे 3 विकल्प मांगे जाते है और उसी में से एक में पोस्टिंग कर दी जाती है, ताकि कोई शक आदि न हो.
जाने और क्या कहा गया है शिकायत में
शिकायत में कहा गया है कि लेकिन आरपीएफ आईजी बिलासपुर ने इसे ताक में रखकर केवल उनके 2 बदनाम और चहेते अधिकारियों को च्वाइस पोस्टिंग दी है. बाकी सभी को परेशान करने हेतु उनके 3 में से किसी भी विकल्प पर नहीं भेजा गया है.
अभी तक कई सारे अधिकारियों पर खास कर अपराध शाखा के 2 अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाकर उनको सजा दी गई है. एक के क्षेत्राधिकार में चोरी और एक के क्षेत्राधिकार में बरामदगी होने पर बड़ी और कड़ी सजा दी गई है.
लेकिन एक चहेते अफसर जिसके कार्यक्षेत्र में जोनल टीम ने रेलवे से कोयले की चोरी का स्कैम पकड़ा था. मीडिया में खबरे भी आई थी तथा जबलपुर जोन की टीम ने रेलवे के स्क्रैप का स्कैम भी उसी थानाक्षेत्र में जबलपुर से आकर पकड़ा था. फिर भी उस चहेते इंस्पेक्टर को कोई सजा दिए, बिना बिलासपुर रेल मंडल के एक थाने में च्वॉइस पोस्टिंग दी गई.
वसूली के लिए चर्चित अफसर को…
इस शिकायत में कहा गया है कि जोन के एक अधिकारी जो वसूली करने के लिए चर्चित हुए. उसे थाने में पोस्टिंग का तोहफा दिया गया है. इसमें कहा गया है कि नागपुर रेल मंडल के 2 इंस्पेक्टर के बच्चे दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में बैठने वाले है. जबकि ऐसे इंसपेक्टरों को दसवीं और बारहवीं की परीक्षा के लिए एक साल का एक्सटेंशन देने का स्पष्ट आदेश कम प्रावधान डायरेक्टिव 32 में है. इन दोनो ने इसी नियम तहत एक साल का एकशेटेंशन भी मांगा था. लेकिन IG RPF बिलासपुर ने इन सब नियमों को भी धता बता दिया है.
आदेश निरस्त करने की मांग
इस शिकायत में कहा गया है कि कोरोना काल में रेलवे की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से लगभग सभी विभागों में तबादले रोक कर रेलवे के राजस्व की हानि को रोकने का प्रयास किया गया है और यंहा सब (आरपीएफ में) उल्टा हो रहा है. रेलवे को ट्रांफ़सर के बाद ट्रांसरर अलाउंस देना पड़ता है, जो कि एक माह के वेतन के बराबर होता है. इसीलिए जादातर रेलवे के विभाग रूटीन तबादला आदेश जारी करने से एक साल से परहेज कर रहे है. शिकायत में कहा गया है कि अतः आपसे रिक्वेस्ट है कि बिलासपुर IG RPF के द्वारा जारी यह आदेश तत्काल निरस्त करने एवम आपके रेलवे बोर्ड से ही टीम बनाकर उस टीम के द्वारा या रेलवे बोर्ड के किसी अधिकारी द्वारा 3 चॉइस के अनुसार नया निष्पक्ष तबादला आदेश जारी किया जाए.
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