मनोज यादव, कोरबा. रिसदी इलाके में काफी समय से जर्जर आंगनबाड़ी भवन भरभराकर गिर पड़ा. हालांकि इससे पहले बच्चों की छुट्टी हो चुकी थी. अगर कुछ देर हुई होती तो यहां बच्चे हादसे के शिकार हो सकते थे. शहर में और भी कई आंगनबाड़ी केंद्रों की भवन जर्जर को चुकी है, जिसके चलते खतरा बना रहता है. समय रहते नहीं बनाया गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

नगर निगम कोरबा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 32 में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या एक का जर्जर भवन आखिरकार जमींदोज हो गया. पहले से ही इसकी स्थिति बदहाल थी फिर भी यहां काम काज चल रहा था. इस केंद्र में आंगनबाड़ी की कक्षाएं संचालित हुई और बच्चों की छुट्टी के कुछ देर बाद ही एकाएक भवन भरभरा कर गिर गया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फ्लोविया एक्का ने बताया कि समस्या काफी समय से थी. इस बारे में अधिकारियों को अवगत कराया गया था, लेकिन भवन का न ही मरम्मत कराया गया और न ही दूसरे जगह शिफ्ट किया गया.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया आंगनबाडी में 25 बच्चे आते हैं, जिसमें 19 बच्चे आए हुए थे. दोपहर 12 बजे सभी खाना खाकर निकले ही थे कि अचानक जर्जर आंगनबाड़ी का आधा हिस्सा भरभरा कर गिर गया. वो खुद भी बच्चों को छोड़ने बाहर आई हुई थी नहीं तो हादसे का शिकार हो सकती थी.

आंगनबाड़ी केंद्र के भवन के गिरने की जानकारी लगने ही क्षेत्र में हडकंप मच गया. सूचना मिलने पर पार्षद अजय गौड़ वहां पहुंचे. जिस समय घटना हुई तब इस केंद्र के बच्चे अपने घर जा चुके थे इसलिए अनहोनी नहीं हुई. पार्षद अजय गोंड़ ने बताया कि वार्ड में और भी जर्जर आंगनबाड़ी है, जिसके चलते खतरा बना रहता है. समय रहते नहीं बनाया गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. आईसीडीएस केडीडब्ल्यूसीडीओ गजेंद्र देव सिंह ने स्वीकार किया कि कई केंद्रों की स्थिति वाकई अच्छी नहीं है. इसकी जानकारी जुटाई जा रही है, जहां पर जैसे विकल्प होंगे उसकी मदद ली जाएगी.

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